Holi 2022: Gorakhpur में हो रही अपील, होलिका दहन एक धार्मिक अनुष्ठान, न डाले टॉयर और प्लास्टिक

Gorakhpur News: होलिका दहन में टायर, प्लास्टिक और कचरा डाल रहे लोगों ने नगर निगम से लेकर सामाजिक संगठन अपील कर रहे हैं। सामाजिक संगठन से लेकर नगर निगम के उपसभापति लोगों के बीच अपील कर रहे हैं कि होलिका में टायर और प्लास्टिक नहीं डालें।

Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-03-16 10:40 GMT

Holika Dahan। (Photo- Social Media)

Holi 2022: होलिका दहन (Holika Dahan) में टायर, प्लास्टिक और कचरा डाल रहे लोगों ने नगर निगम से लेकर सामाजिक संगठन अपील कर रहे हैं। सामाजिक संगठन से लेकर नगर निगम के उपसभापति लोगों के बीच अपील कर रहे हैं कि होलिका में टायर और प्लास्टिक नहीं डालें।

होली रंगों का पावन त्योहार

हेरिटेज फाउंडेशन (Heritage Foundation) की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल (Patron Dr. Anita Agarwal) कहती है कि होली रंगों का पावन त्योहार है। 17 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan) और 19 मार्च को होली (Holi 2022) उल्लास के साथ मनाई जाएगी। लेकिन होली के इस उल्लास पर हमें पर्यावरण एवं जल संरक्षण का भी ख्याल रखना होगा। होलिका दहन (Holika Dahan) एक धार्मिंक अुष्ठान है, इसलिए उसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए कोई अशुद्धि मसलन, प्लास्टिक, पोलिथीन, टॉयर, जला हुआ मोबिल, पुराने ट्यूब सरीखे कोई भी उत्पाद न डाले। बल्कि नीम के सूखे पत्ते, गोबर के उपले-कंड़े और कम मात्रा में लकड़ियों का इस्तेमाल करें।

डॉ अनिता (Patron Dr. Anita Agarwal) कहती है कि होलिका दहन के लिए ऐसे स्थान का इस्तेमाल करें जो स्थान खुला हो। सड़क पर होलिका दहन (Holika Dahan) करने से सड़कों को काफी क्षति पहुंचती है। उनका कोलतार जल जाता है जिससे अनजाने में ही हम सड़कों को काफी क्षति पहुंचा देते हैं। होली किसी तरह की क्षति पहुंचाने का नहीं बल्कि उल्लास एवं खुशी बांटने का त्योहार है। सामाजिक समरसता का त्योहार है। हेरिटेज के मनीष चौबे कहते हैं कि प्लास्टिक, पोलिथीन, टॉयर आदि डालने से काफी मात्रा में निकलने वाली हानिकारक गैसे, मानव स्वास्थ्य के साथ पशु पक्षियों एवं ओजोन स्तर को भी हानि पहुंचाती है। होलिकोत्सव के लिए हमें हरे पेड़ों को काटने से भी बचना चाहिए।

सूखे रंगों और फूलों से खेले होली, पानी का कम करें इस्तेमाल

हेरिटेज वारियर्स मनीष चौबे (Heritage Warriors Manish Choubey) कहते हैं कि होली (Holi 2022) के दिन भी हमें सूखे रंगों और फूलों की होली पर ज्यादा जोर देना चाहिए। रंग में पानी घोल कर खेलने से बचना चाहिए, क्योंकि रंग में रसायन न केवल त्वचा को क्षति पहुंचाता है बल्कि पर्यावरण को प्रदूषित भी करता है। रंग को शरीर और कपड़ों से छुड़ाने में भी काफी मात्रा में साफ पानी बर्बाद होता है। पानी का मोल अब किसी से छुपा नहीं है, घर घर पीने के पानी पर हर दिन 20 से 50 रुपये औसत खर्च किया जा रहा। होली पर गुब्बारे का इस्तेमाल न करें, इससे हादसा होना की आशंका बनी रहती है।

होलिका में टायर, प्लास्टिक नहीं जलाने की अपील

वहीं, महापर्व होली (Holi 2022) की तैयारी को देखते हुए नगर निगम के उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा (Municipal Corporation Deputy Chairman Rishi Mohan Verma) ने उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी अखिलेश श्रीवास्तव (Deputy Municipal Health Officer Akhilesh Srivastava) के साथ होलिका दहन (Holika Dahan) स्थलों का निरीक्षण किया। इस दौरान समितियों से आग्रह किया गया कि वे होलिका में प्लास्टिक, टायर आदि न जलाएं।

उपसभापति द्वारा हट्ठी माई का स्थान, अग्रसेन तिराहा, बक्शीपुर एवं पांडे हाता आदि स्थानों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था देखी गई। होलिका में टायर, ट्यूब, बोतल आदि रखा हुआ था। जिसे देखते हुए उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा (Municipal Corporation Deputy Chairman Rishi Mohan Verma) ने महानगर के समस्त होलिका दहन समिति के पदाधिकारियों से आग्रह किया है कि वे होलिकादहन के दौरान टायर, प्लास्टिक, पॉलिथीन या किसी प्रकार के अवशेष न जलाएं। प्रदूषण मुक्त होली का पर्व मनाये जाने पर जोर दें।

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