गौवंशों पर कितना सक्रिय है अमेठी प्रशासन, दर्शाती है ये रिपोर्ट

अमेठी के महमूदपुर में अस्थाई गोशाला बनी है। यहां चार दर्जन के आसपास गोवंश बंधे हैं। सोमवार को यहां के चौकीदार और संचालक ने बताया था कि सरकारी आश्रय में गोवंशो का चारा खत्म हो गया है।

Update:2020-02-04 12:37 IST

अमेठी: किसान गोवंशो से परेशान है। विपक्ष इसे राजनैतिक मुद्दा बनाए है। सरकार अन्य चीजों की तरह इस मद में भी पैसे ख़र्च कर रही। इसके बाद भी सड़क क्या सरकारी गो आश्रय में बंधे गोवंश भूख से बेहाल हैं। चारा मिल भी रहा तो आधे पेट। मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन शासन को भ्रामक रिपोर्ट पेश कर अपनी पीठ थपथपा रहा है। प्रदेश में ये हाल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी का है। ऐसे में समझा जा सकता है जब वीवीआईपी जिलों में गोवंशो की हालत दयनीय है तो अन्य जिलों में इनकी स्थित क्या होगी?

अमेठी के महमूदपुर में अस्थाई गोशाला बनी है। यहां चार दर्जन के आसपास गोवंश बंधे हैं। सोमवार को यहां के चौकीदार और संचालक ने बताया था कि सरकारी आश्रय में गोवंशो का चारा खत्म हो गया है। जिसके बाद मीडिया में खबर आई तो प्रशासन हिलने-डुलने लगा। सोशल मीडिया के माध्यम से बात शासन में पहुंची तो अपनी करतूतों पर पर्दा डालने के लिए प्रशानिक अधिकारियों ने कारनामा कर डाला।

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प्रशासन ने भेज दी भ्रामक रिपोर्ट

खंड विकास अधिकारी अमेठी डा. हरि कृष मिश्रा द्वारा भ्रामक रिपोर्ट जारी कर दी गई। उन्होंने अपने पत्र संख्या 1440/ भू.सं.अ./स्था./प.आ.स्थ./2019-20 के माध्यम से बताया कि अस्थाई पशु आश्रय स्थल महमूदपुर के संचालन एवं प्रबंधन पर ट्वीटर पर शिकायत पर जांच कराई गई। सहायक विकास अधिकारी अमेठी एवं पशु चिकित्सा अधिकारी डा.आर.एस. द्विवेदी से संयुक्त रूप से जांच कराई गई।

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जांच आख्या से स्पष्ट है के महमूदपुर में पशु आश्रय संचालित है, जिसकी क्षमता 50 है और वर्तमान में 37 पशु सुरक्षित हैं। इससे पूर्व 29 पशुओं को आम जनों को नियमानुसार सुपुर्द किया गया। इस समय पशुओं के चारे की पर्याप्त उपलब्धता है। भूसे के गोदाम में नमी के कारण खराब हो रहे भूसे को सफाई के उद्देशय से पूरी तरह गोदाम से खाली कराते हुए साफ करवाया गया। इस वक्त गोवंश के पोषण हेतु 4 कुंतल भूसा एवं अन्य सामग्री उपलब्ध है। सभी पशु पूर्णतः स्वस्थ एवं सुरक्षित हैं। मीडिया पर चल रही खबर सत्य नही है।

क्या कहता है चौकीदार

आपको बता दें कि सोमवार को यहां के चौकीदार श्रीपाल ने बताया था कि एक सप्ताह से गौशाला संचालक और प्रधान को सूचित कर रहे हैं के चारा खत्म होने वाला हैं। प्रधान कह रहे पैसा नही मिल रहा चारा नही दे पाएंगे। "आज संचालक को बुलाया की चाभी ले लीजिए मैं अपने घर जा रहा हूं, गो हत्या नही करूंगा।" गाय बंधी हैं लेकिन इनके शाम के चारे को कुछ नही है। अगर व्यवस्था नही होगी तो हम जानवरों को खोल कर भगा देंगे। चौकीदार ने कहा कि फसल का नुकसान करें लेकिन हम इनकी हत्या नही करेंगे।

क्या कहते हैं संचालक

वहीं संचालक राजेश तिवारी ने बताया था कि दो दिन पहले भूसा खत्म हो गया था, जो झाड़ने पोछने के बाद भूसा निकला उससे दो दिन तक काम चलाया। आज एक चुटकी भूसा नही है। मैं आधिकारियों को एक हफ्ते पहले से कह रहा हूं कृप्या पैसा दिया जाए।

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अधिकारी कहते हैं आज चेक मिल जाएगी, कल चेक मिल जाएगी, इनके पास फाइल है उनके पास फाइल है। प्रधान दस-ग्यारह महीनो में आठ लाख का भूसा अपने पास मंगा चुके हैं, उनको तीन सवा तीन लाख रुपए प्राप्त हुआ है। आखिर प्रधान कब तक अपने पैसे से ला ला कर खिलाएंगे? सिक्रेटरी कहते हैं फाइल बीडीओ के पास भेजा हूं चेक जैसे आ जाएगी आपको दे दूंगा। आप भूसे वाले को आर्डर कर दीजिए। भूसे वाला कहता है कि जब तक पैसा नही मिलेगा भूसा नही दूंगा।

हालांकि चौकीदार ने फोन पर बताया कि सोमवार रात करीब 11 बजे अमेठी के महमूदपुर में बनी अस्थाई गोशाला पर भूसा पहुंच गया है। जबकि रिपोर्ट खंड विकास अधिकारी अमेठी द्वारा शाम में ही भेज दी गई थी।

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