अवैध खनन को लेकर विपक्ष और सरकार में हुआ जोरदार टकराव

यूपी विधानसभा के प्रश्नप्रहर में बसपा के सदस्य मोहम्मद असलम राईनी व सपा के संजय गर्ग ने प्रदेश के विभिन्न जिलो में सरकार द्वारा जारी खनन नीति का अनुपालन...

Update: 2020-02-14 13:32 GMT

लखनऊ। यूपी विधानसभा के प्रश्नप्रहर में बसपा के सदस्य मोहम्मद असलम राईनी व सपा के संजय गर्ग ने प्रदेश के विभिन्न जिलो में सरकार द्वारा जारी खनन नीति का अनुपालन न किए जाने का मामला उठाया जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि योगी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद ही प्रदेश में खनन नीति बनाई जो पूरी तरह से पारदर्शी है जबकि पूर्ववर्ती सरकारो में खनन के नाम पर जो हुआ वह सब जानते है।

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संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने स्वीकार किया कि बालू मौरंग के दामों में दस से पन्द्रह प्रतिशत तक की वृदि हुयी है। संसदीय कार्यमंत्री के जवाब से अंसतुष्ट सपा के सदस्यो वाकआउट किया इससे पहले नेता प्रतिपक्ष की मांग थी कि अवैध खनन की जांच के लिए एक सर्वदलीय समिति बना दी जाए।

सदन की कार्यवाही 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई

आज से ही सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुयी। भाजपा की सदस्य डा मंजू सिवाज ने अभिभाषणपर चर्चा शुरू की चर्चा में योगेन्द्र उपाध्याय ने भी हिस्सा लिया। सदन की कार्यवाही 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बसपा सदस्य राइनी के इस सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी सरकार आने के बाद प्रदेश के राजस्व में लगातार बढोत्तरी हुई है। जबकि सपा सरकार में अवैध खनन हो रहा था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 3164 करोड का राजस्व प्राप्ति हुई है। जबकि इस वित्तीय वर्ष में अबतक 1700 करोड रूप्ए की प्राप्ति हो चुकी हे।

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उन्होंने समाजवादी पार्टी को घेरते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष रामगोबिन्द चैधरी बताए कि उनकी सरकार के खनन मंत्री जेल में क्यों है। इस पर नेता प्रतिपक्ष रामगोबिन्द चैधरी के अलावा अन्य विपक्षी दल के सदस्यों ने कहा कि गायत्री प्रजापति खनन को लेकर जेल में नही है बल्कि किसी अन्य मामले में हैं।

इसके बाद रामगोबिन्द चैधरी ने एक और अनुपूरक प्रश्न किया और सत्ता पक्ष से जानना चाहा कि सरकार ये बताए कि 2007 के बाद 2017 में बालू सीमेंट और मौंरग के दामों में क्या अंतर आया। इस पर सदन में शोरशराबा शुरू हो गया। सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि एनजीटी के कारण 54 खदाने बंद हुई है। मांग और पूर्ति में अंतर आ जाने के कारण ही इसके दामों में वृद्यि हुई है। सरकार के इस जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन का वाकआउट किया।

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