योगीराज में ऐसा अनर्थः चारे के अभाव में यहा दम तोड़ रहा गोवंश, प्रशासन मौन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गोवंशो की सुरक्षा जिले में दम तोड़ रही है । प्रशासनिक लापरवाही के चलते गोवंशो की मौत का सिलसिला थम नहीं हो रहा है ।

Update:2020-09-23 12:44 IST
योगीराज में ऐसा अनर्थः चारे के अभाव में यहा दम तोड़ रहा गोवंश, प्रशासन मौन (social media)

अम्बेडकर नगर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गोवंशो की सुरक्षा जिले में दम तोड़ रही है । प्रशासनिक लापरवाही के चलते गोवंशो की मौत का सिलसिला थम नहीं हो रहा है । चारे के अभाव में दम तोड़ रहे गोवंशो को बिना पोस्टमार्टम कराए ही गड्ढों में दफन कर दिया जा रहा है। जिले के अधिकारी केवल बैठकों तक ही सीमित होकर रह गए हैं जबकि धरातल पर गोवंश की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं ।

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जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र गो आश्रय स्थलों की समीक्षा करते रहते हैं

जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र गो आश्रय स्थलों की स्थिति की समीक्षा लगभग आए दिन करते रहते हैं लेकिन इस समीक्षा का असर उनके मातहतों पर कितना पड़ रहा है यह एक गो आश्रय स्थल की हकीकत को देखने के बाद ही स्पष्ट हो जाता है। गो वंशो की दुर्दशा की यह हकीकत कटेहरी विकास खण्ड के टीकम पारा गो आश्रय स्थल की है। इस गो आश्रय स्थल पर बुधवार की सुबह का नजारा कुछ इस तरह दिखा की वहां के स्थानीय लोग भी देख कर दंग रह गए। आलम यह था कि बुधवार की सुबह करीब एक दर्जन गोवंश गौशाला के अंदर मरे हुए थे जिसको वहां पर गड्ढा खोदकर बिना पोस्टमार्टम के ही दफनाया जा रहा था।

एक ही गड्ढे में तीन से चार गोवंशों को इकट्ठा कर

दफनाया जा रहा था। गो वंशो को निर्ममता से पैर बांधकर रस्सी से भाड़े पर लाए हुए मजदूरों से खिंचवाकर उस गड्ढे में एक के ऊपर एक को रखकर, पैरों से दबाकर दफनाने का काम किया गया। यह दृश्य जिले के आला अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। गो वंशो की मौत के पीछे चारे का अभाव मुख्य कारण माना जा रहा है।

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सवाल है कि जब सरकार गौशाला के लिए पैसा पानी की तरह बहा रही है तो आखिर कर्मचारी उसको पशुओं के हौद तक क्यू नही पहुंचा रहे हैं।वही इस मामले की जानकारी जब खण्ड बिकास अधिकारी से करने की जानकारी चाही गई तो उनका नम्बर एडीओ कोआपरेटिव के पास था जिससे जानकारी नही हो सकी । ग्राम पंचायत अधिकारी अमरजीत ने बताया की चारे का कोई अभाव नही है । जानवरों को दो बार चारा डाला जाता है ।

मनीष मिश्रा

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