मझवार( मल्लाह) को शासनादेश के तहत एससी का सर्टिफ़िकेट जारी करने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मझवार (मल्लाह) को 21/22 दिसम्बर 2016 के शासनादेश के तहत याची को नियमानुसार अनुसूचित जाति का 4 हफ्ते में प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया है।जाति प्रमाणपत्र जारी करने से इंकार करने के तहसीलदार पटियाली जिला कासगंज के आदेश17 मई2019 को रद्द कर दिया है।

Update: 2019-07-05 14:00 GMT

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मझवार (मल्लाह) को 21/22 दिसम्बर 2016 के शासनादेश के तहत याची को नियमानुसार अनुसूचित जाति का 4 हफ्ते में प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया है।जाति प्रमाणपत्र जारी करने से इंकार करने के तहसीलदार पटियाली जिला कासगंज के आदेश17 मई2019 को रद्द कर दिया है।

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कोर्ट ने कहा है कि हाई कोर्ट ने डॉ भीमराव अंबेडकर व् 2 अन्य केस में ऐसे मामले में जवाब मांगते हुए जारी प्रमाणपत्र को याचिका के निर्णय की विषय वस्तु करार दिया है। जिसकी अवहेलना करते हुए तहसीलदार ने जाति प्रमाणपत्र जारी करने से इंकार कर दिया ।जिसे चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने तहसीलदार को भविष्य में सावधान रहने की नसीहत दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने विजेंद्र कश्यप व् अन्य की याचिका पर दिया है।

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याचिका पर अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने बहस की।याचिका में मझवार जाति के याची ने एस सी जाति प्रमाणपत्र जारी करने की गयी थी।

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याची का कहना था कि राज्य सरकार ने 21 दिसम्बर 16 के शासनादेश से कई पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया ।जिसे जनहित याचिका में चुनौती दी गयी।कोर्ट ने कहा जिन्हें जाति प्रमाणपत्र जारी हुआ है वह याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा।फिर भी याची को जाति प्रमाणपत्र जारी करने से इंकार कर दिया था।

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