Jalaun News: रामलीला की शान हैं, बहत्तर साल से निभाते आ रहे हैं महिला किरदार
Jalaun News: सूरज कोई पेशेवर कलाकार नहीं हैं और उम्र के जिस पड़ाव पर वह हैं, उस पर अमूमन लोग घर पर आराम करते नजर आते हैं, लेकिन सूरज अभी भी परिवार की गाड़ी चलाने के लिए वृत्ति कमाते हैं यानि एक दुकान पर काम करने जाते हैं।
Jalaun News: जालौन कोंच की एक सौ बहत्तर साल पुरानी विश्व प्रसिद्ध रामलीला में 87 वर्षीय सूरज शर्मा ही अब एकमात्र ऐसे बुजुर्ग कलाकार बचे हैं, जो पिछले बहत्तर सालों से अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा रहे हैं। वे एक तरह से रामलीला की शान हैं। खास बात यह है कि उन्होंने जीवन भर जनाना रोल ही किए हैं, सिर्फ एक बार ही उन्होंने पुष्प वाटिका लीला में माली का मर्दाना रोल किया था। उनकी मखमली आवाज की खनक का आज भी न तो कोई जोड़ है , न ही तोड़ है।
सूरज शर्मा जब संवाद संप्रेषण करते हैं या गीत, राधेश्याम अथवा रामचरितमानस की चौपाइयां व दोहे लयबद्ध तरीके से गाते हैं, दूर से सुनने वाला भी बता देता है कि सूरज शर्मा गायन कर रहे हैं। एक मुलाकात में सूरज ने बताया कि सबसे पहले पंद्रह वर्ष की उम्र में उन्होंने 'परिवर्तन' नाटक में एक फैशनेबल लड़की का रोल किया था। इसके बाद उन्होंने रामलीला की विभिन्न लीलाओं में पार्वती, कौशल्या, सुनयना, अप्सरा, विह्वल सखी, दही वाली, पंडिन, चतुर सखी आदि किरदार निभाए। किरदार निभाते वक्त उनके हाव भाव में जनाना पुट उनके रोल को वास्तविकता के और भी निकट ले जाने का काम करता है।
सूरज कोई पेशेवर कलाकार नहीं हैं और उम्र के जिस पड़ाव पर वह हैं, उस पर अमूमन लोग घर पर आराम करते नजर आते हैं, लेकिन सूरज अभी भी परिवार की गाड़ी चलाने के लिए वृत्ति कमाते हैं यानि एक दुकान पर काम करने जाते हैं। उनके साथ काम करने वाले कलाकार आज इस दुनिया में नहीं रहे हैं, लेकिन वह अकेले ही हैं जो रामलीला में आज भी उम्र होने के बावजूद अपनी कला का लोहा मनवा रहे हैं।