बच्चे की जान खतरे में: जौनपुर में हुआ अपहरण, मांगी गई 7 लाख की फिरौती

जौनपुर में अपहरण की एक घटना ने जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। यहां सात साल के बालक का अपहरण उसके घर से थोड़ी दूर से ही कर लिया गया।

Update: 2021-01-02 17:58 GMT

जौनपुर। जिले के थाना शाहगंज क्षेत्र में अपहरण की एक घटना ने जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। जी हां शाहगंज नगर के अयोध्या मार्ग स्थित गोशाला के पास के निवासी पैथोलाजी संचालक के सात वर्षीय बालक का अपहरण उसके घर से थोड़ी दूर रह रहे शिक्षक के पास ट्यूशन के लिए जाते समय आज शनिवार को सुबह करीब दस बजे कर लिया गया है।

जौनपुर में सात साल के बच्चे का अपहरण

दोपहर बाद के लगभग तीन बजे एक मैसेज करके अपहरणकर्ताओं ने बच्चे के पिता से सात लाख रुपये की फिरौती मांगी है । अयोध्या मार्ग स्थित गोशाला के समीप दीपचंद यादव रहते हैं और बीबीगंज में पैथोलाजी का संचालन करते हैं। उनका पुत्र अभिषेक (7) इसी मार्ग पर स्थित साउथ इंडियन स्कूल में यूकेजी का छात्र है।

ये भी पढ़ेंः झांसी का टॉप-10 अपराधी: एनकाउंटर में चढ़ा हत्थे, इन बदमाशों की भी खुली हिस्ट्रीशीट

ट्यूशन के लिए निकला था बच्चा

लाकडाउन में विद्यालय बंद होने की वजह से पढ़ाई के लिए अभिषेक समीप के यादव कालोनी में रह रहे एक शिक्षक के पास ट्यूशन के लिए प्रतिदिन जाया करता है। नित्य की भांति शनिवार की सुबह करीब 10 बजे अभिषेक अपने घर से शिक्षक के घर के लिए निकला, लेकिन वहां नहीं पहुंच पाया।

अपहरण से अनजान परिवार में तलाश में

इसी बीच रास्ते में ही अज्ञात बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया। पहले तो अपहरण की घटना से अनजान परिवार वाले उसकी तलाश संभावित स्थानों पर करते रहे थे, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। इस बीच पिता दीपचंद के मोबाइल पर एक मैसेज आया। मैसेज में लिखा गया था कि बच्चे का अपहरण कर लिया गया है और फिरौती के रूप में सात लाख रुपये दिया जाए नहीं तो बच्चे की जान ले ली जाएगी।

ये भी पढ़ेंः व्यापारियों की रंगीन पार्टी: काशी में मचा बवाल, IPS अफसर ने की कार्रवाई की मांग

सात लाख रुपए की फिरौती की मांग

अपहरणकर्ताओं ने पुलिस को सूचना देने से भी मना किया था। बच्चे की अपहरण की जानकारी मिलने पर अपहृत बच्चे के परिवार व सगे संबंधी उसके घर पहुंचने लगे। काफी मशक्कत के बाद घटना की जानकारी कोतवाली पुलिस को दिया गया। क्षेत्राधिकारी अंकित कुमार प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश्वर मिश्र मैं फोर्स पीड़ित के घर पहुंचे।

पुलिस छानबीन में जुटी

घटना के बारे में आवश्यक जानकारी लेते हुए मामले की छानबीन में जुट गए। पुलिस के अधिकारी इस संदर्भ में अभी कुछ स्पष्ट बताने से परहेज कर रहे हैं। इतना दावा कर रहे हैं बच्चे को सकुशल बरामद करने के लिए पुलिस लगी है। इस घटना ने एक बार फिर कानून व्यवस्था को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है आखिर अपराधियों में कानून का डर क्यों नहीं है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

कपिल देव मौर्य, जौनपुर

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News