Jaunpur Kidnapping Case: पूर्व सांसद धनंजय सिंह दोषी सिद्ध, सजा का ऐलान कल

Jaunpur Kidnapping Case: नमामि गंगे योजना के तहत जौनपुर में काम कर रहे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने विगत वर्ष 2020 में 10 मई को थाना लाइन बाजार में धारा 364, 386, 504 और 120 का मुकदमा बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह सहित उनके साथी संतोष कुमार सिंह के खिलाफ कराया था।

Report :  Kapil Dev Maurya
Update: 2024-03-05 12:47 GMT

 जौनपुर अपहरण मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह दोषी सिद्ध, सजा का ऐलान कल: Photo- Social Media

Jaunpur Kidnapping Case: जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जौनपुर अपहरण मामले कोर्ट ने दोषी ठहराया है। अदालत कल धनंजय सिंह को सजा सुनाइगी। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे जिले के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ चुनाव की घोषणा के चन्द रोज पहले ही कानून ने अपना सिकंजा कस दिया है और न्यायिक हिरासत में लेकर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है। धनंजय सिंह को जेल जाने की घटना वायरल होते ही उनके समर्थकों में मायूसी और गुस्सा दोनों नजर आया।

बता दें नमामि गंगे योजना के तहत जौनपुर में काम कर रहे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने विगत वर्ष 2020 में 10 मई को थाना लाइन बाजार में धारा 364, 386, 504 और 120 का मुकदमा बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह सहित उनके साथी संतोष कुमार सिंह के खिलाफ कराया था। मामले में पुलिस द्वारा चार्ज सीट न्यायालय भेजने के बाद मुकदमा शरद चन्द त्रिपाठी एडीजे चतुर्थ एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन था। इस मुकदमें गवाह आदि पक्ष द्रोही हो चुके थे। 

लोकसभा चुनाव के सुगबुगाहट के साथ धनंजय सिंह के द्वारा चुनाव लड़ने के एलान से भाजपा खुद को असहज महसूस करने लगी थी। इधर कुछ दिनो से इस मुकदमे की सुनवाई तेज कर दी गई थी। आज मुकदमा उपरोक्त में तारिख निर्धारित थी। धनंजय सिंह कोर्ट में मौजूद थे।

दूसरे प्रहर अचानक न्यायाधीश ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष कुमार सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया और अपने एक आदेश के तहत दोनो अभियुक्त धनंजय सिंह और संतोष कुमार सिंह को अपराध कारित करने के लिए दोषी पाये जाने का आदेश देते हुए फैसले की तारीख 06 मार्च मुकर्रर कर दिया और दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

धनंजय सिंह को हिरासत में लेकर जेल भेजने की खबर वायरल होते ही उनके समर्थको में मायूसी छा गयी साथ ही लोगों में गुस्सा भी नजर आया है। सजा क्या होगी यह तो कल यानी छह मार्च को पता चलेगा। अब धनंजय के चुनाव लगने पर भी प्रश्न खड़ा हो गया है।

राजनीतिक में धनंजय        

धनंजय सिंह 27 साल की उम्र में 2002 में रारी (अब मल्हनी) विधानसभा सीट से पहली बार निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इस जीत से धनंजय ने सबको चैंका दिया था। वह दोबारा इसी सीट पर सपा के टिकट से चुनाव जीत कर विधायक बने। फिर धनंजय सिंह बसपा में शामिल हो गए। 2009 में जौनपुर से बसपा के टिकट पर जीत कर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। इससे पहले तीन दशक तक जौनपुर की लोकसभा सीट से बसपा नहीं जीत पाई थी।

धनंजय सिंह को बसपा सुप्रमो मायावती ने साल 2011 में पार्टी से बाहर कर दिया था। बसपा से अलग होने के बाद भी धनंजय अपने समर्थकों के दम पर राजनीति में खुद को असरदार बनाए रहे। जौनपुर से 2014 में निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा था, मगर हार गए। 2017 में धनंजय सिंह मल्हनी सीट से निषाद पार्टी के बैनर से विधानसभा चुनाव लड़े थे, तब दूसरे स्थान पर रहे थे। हालांकि, साल 2019 का लोकसभा चुनाव वह नहीं लड़े।

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