छात्राओं पर थर्ड डिग्री: पकड़ी गई थी पेपर लीक प्रकरण में, सच उगलवाने के लिए प्रयोग हुआ ऐसा तरीका

Jhansi News: पेबुविवि (Bundelkhand University) से बीएसी द्वितीय वर्ष के पेपर लीक के मामले में पकड़ी गई छात्राओं के साथ थर्ड डिग्री का प्रयोग किया गया है।

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-04-08 21:25 IST

झाँसी: पेपर लीक प्रकरण: Photo - Social Media

Jhansi News: अपराधियों या विचाराधीन कैदियों के साथ किसी तरह की ज्यादती या शारीरिक प्रताड़ना गैरकानूनी है लेकिन फिर भी पुलिस (UP Police) अपराधियों से सच उगलवाने के लिए चोरी छिपे हल्की मारपीट से लेकर थर्ड डिग्री तक का इस्तेमाल करती है। ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। हालांकि किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। बुविवि (Bundelkhand University) से बीएसी द्वितीय वर्ष के पेपर लीक के मामले में पकड़ी गई छात्राओं के साथ थर्ड डिग्री का प्रयोग किया गया है। इसका कुछ लोगों ने विरोध भी किया तो उनके परिजनों को दूसरी धाराओं में जेल भेजने की धमकियां दी गई है। यह सब बुविवि प्रशासन के इशारे पर किया गया है।

मिशन शक्ति फेल, छात्राओं का किया टार्चर?

बुविवि पेपर लीक ( paper leak) के मामले में 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चार छात्राएं भी शामिल है। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के खातीबाबा मोहल्ले में रहने वाली पिंकी (काल्पनिक नाम), प्रेमनगर थाना क्षेत्र के कब्रिस्तान के पास रहने वाली फाबिया (काल्पनिक नाम), नगरा निवासी नम्रता (काल्पनिक नाम), रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम करौंदी निवासी प्रज्ञा (काल्पनिक नाम) है। इन छात्राओं को बुविवि के इशारे पर काफी टार्चर किया है। हालांकि उक्त मामले में बुविवि प्रशासन की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध नजर आ रही है।

आर्थिक लाभ पहुंचाने को किया पेपर लीक

डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी देहात, एसपी सिटी, सीओ सदर के निर्देश पर गठित की गई टीम ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा था। पुलिस टीमों द्वारा पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ करने पर घटनाक्रम इस प्रकार हुआ कि श्रीराम महाविद्यालय बंगरा में लिपिक के पद पर कार्यरत राजदीप यादव निवासी जुगयाना थाना कोतवाली ने अपने महाविद्यालय की प्रबंध समिति के आजाद यादव निवासी हंसारी, चंद्रपाल सिंह यादव निवासी बूढ़ा, अनूप यादव निवासी ग्राम बम्हौरी मोंठ, भगवानदास निवासी बंगरा उल्दन, संजीव श्रीवास्तव प्रिंसिपल केंद्र व्यवस्थापक श्रीराम महाविद्यालय बंगरा व अरविन्द यादव निवासी हंसारी के सहयोग से परीक्षा को सुचिता को भंग करते हुए आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए भौतिक विज्ञान के द्वितीय प्रश्नपत्र की मोबाइल से फोटो खींचकर सर्वप्रथम मुस्कान को उसके मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा और उससे कहा कि जिसको भी प्रश्नपत्र की कापी देना तो पैसे लेकर देना।

आखिरकार अब तक रिटायर्ड अपर आयुक्त को बेटा को क्यों नहीं पकड़ा

इस मामले में रिटायर्ड अपर आयुक्त के बेटा भी मुल्जिम है। इस मुल्जिम को अब तक क्यों गिरफ्तार नहीं किया है। इस मुल्जिम के संबंध कुलपति से लेकर कुलसचिव आदि से अच्छे हैं। इसके अलावा भाजपा नेताओं से भी रिश्तेदारी है। इसलिए पुलिस और प्रशासन के अफसर हाथ नहीं डाल पा रहे हैं।

यह हैं अभियुक्त

टोड़ीफतेहपुर थाना क्षेत्र (Todifatehpur police station area) के ग्राम ककवारा निवासी अजय भास्कर, ग्राम डेरी थाना रक्सा निवासी शीतल अहिरवार, आकाश रैकवार, सौरभ अहिरवार, सचिन यादव, सुरेन्द्र प्रताप, नरेन्द्र कुशवाहा, आकाश कुमार, सुशील कुमार, सक्षम, प्रशांत, अजय निरंजन, आलोक यादव, प्रबल यादव, हर्षवर्धन, आदित्य सोनी, अनूप यादव, संजीव कुशवाहा, राजदीप यादव, युवराज सिंह, भगवानदास, मोहित शर्मा, रवी, विमल खरे, तेज प्रताप सिंह, आजाद, चंद्रपाल सिंह यादव आदि शामिल है।

डीआईजी ने टीम को दिया 50 हजार का इनाम

पुलिस उपमहानिरीक्षक ने पेपर लीक प्रकरण में आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम को 50 हजार का इनाम दिया है। इनमें सीओ, इंस्पेक्टर, शहर के थाना प्रभारी, एसओजी, सर्विलांस टीम, साइबर क्राइम टीम शामिल है।

कैसे होता है थर्ड डिग्री का प्रयोग (How is the third degree used?)

महिला या पुरुष को नीचे जमीन पर पेट के बल लिटाकर उसके दोनों हाथों को पीछे पीठ की तरफ बांध दिया जाता है। युवक के पैरों के तरफ से कुछ लोग उसे पकड़ लेते हैं, वहीं सिर के तरफ वाले हिस्से को नियंत्रण में करने के लिए कुछ लोग कंधे और सिर को जकड़ लेते हैं। पुलिस सच उगलवाने के लिे इसी तरह का एक और तरीका अपनाती है। पकड़े गए आरोपी को इसी पोजिशन में रखकर उसके घुटनों को मोड़ा जाता है। अब उसके तलबे ऊपर की तरफ आ जाते हैं। इस पर भी बेंत या बेल्ट से मार पड़ती है। बेरहमी से मार के और भी तरीके हैं। पुलिस वाले युवकों को खड़ा करके उसके दोनों हाथों को पकड़ लेते हैं। इसके बाद पीठ पर दे दनादन चलती हैं डंडों की बौछार। पुलिस के पास सच उगलवाने के लिए तरीकों की कमी नहीं। पुलिस बिना डंडे का स्पेशल टॉर्चर अपनाती है। इसमें सबसे पहले तो बदमाश को रस्सियों से उलटा लटका दिया जाता है। हाथ-पैर बांधने के बाद उसे घंटों रखा जाता है।

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