दारोगा बनेंगे बाहुबली: हत्या रोकने की नई रणनीति, रजिस्टर में दर्ज करेंगे ब्यौरा

कानपुर में हुए बिकरूकांड व कॉमनमैन से पुलिस की बढ़ती खाई को पाटने के लिए अफसर एक बार फिर बीट पुलिसिंग पर केन्द्रित होने लगे हैं।

Update: 2020-08-26 11:10 GMT
दारोगा बनेंगे बाहुबली: हत्या रोकने की नई रणनीति, रजिस्टर में दर्ज करेंगे ब्यौरा

झांसी: कानपुर में हुए बिकरूकांड व कॉमनमैन से पुलिस की बढ़ती खाई को पाटने के लिए अफसर एक बार फिर बीट पुलिसिंग पर केन्द्रित होने लगे हैं। प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने हत्या रोकने के लिए नई रणनीति बनाई है। इसके लिए बीट के प्रत्येक दारोगा के लिए मूवमेंट की डिटेल दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। चेताया है कि काम का हिसाब न देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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बनाए जाएंगे 'बीवीआर'

दारोगाओं के बीवीआर 'बीट वर्क रजिस्टर' बनाए जाएंगे। इस रजिस्टर में हर दारोगा का नाम उसकी बीट के हिसाब से अंकित होगा। वह हर माह में दो बार गांव व मोहल्ला का भ्रमण करेंगे। ड्यूटी समाप्त होने के बाद वह अपने काम का ब्यौरा इस रजिस्टर में दर्ज करेगा। इमरजेंसी या वीआईपी अथवा अन्य ड्यूटी है तो यह भी वह रजिस्टर में दर्ज करेंगे। क्षेत्राधिकारी इस रजिस्टर का निरीक्षण करेंगे। साथ ही दारोगा के द्वारा बीवीआर में लिखे गए कार्यों की हकीकत का भी पता लगाएंगे। बगैर काम किए लिखी गई बात जांच में साबित होने पर संबंधित दारोगाओं के साथ कार्रवाई भी की जाएगी। हर हफ्ते सीओ रजिस्टर की समीक्षा करेंगे। इसकी रिपोर्ट सीओ अपने स्तर से एसएसपी कार्यालय को भेजेंगे।

करेंगे काम तो मिलेंगे इनाम

यह रजिस्टर दारोगाओं के कार्यों की पोल खोलेगा। जिसके काम खराब रहेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। इतना ही नहीं, समीक्षा में अच्छा काम करते हुए पाए गए दारोगाओं को एसएसपी द्वारा सम्मान पत्र व इनाम भी दिए जाएंगे। जो उनके प्रमोशन आदि में भी काम आएंगे।

बीट में 15 दिन में करना पड़ेगा भ्रमण

-लोगों के बीच में रहेंगे उनसे प्रगाढ़ बनाने के साथ संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी जुटाएंगे।

-किस एरिया में कौन बदमाश, उसका मूवमेंट क्या है, उनसे कौन-कौन मिलता है इसका पूरा ब्यौरा जुटाएंगे।

-गांव में मोहल्ले में तनाव कहां-कहां पर है उसकी जानकारी जुटाएंगे

-मोहल्ले व गांव में होने वाले विवादों को चिन्हित किया जाएगा।

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दिनेश कुमार पी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना है

ऐसा इसलिए किया गया है कि दारोगा एक्टिव रहें। वह सक्रिय रहेंगे तो अपने आप क्षेत्र में होने वाली सही गलत कार्यों की जानकारी मिलती रहेगी। इसके आधार पर पुलिस को एक्शन लेने में आसानी होगी। पुलिस को हर गांव में क्या चल रहा है यह भी पता होगा।

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