रेलवे में बड़ा फर्जीवाड़ाः तीन से पांच लाख में पेपर आउट, ऑडियो वायरल

उत्तर मध्य रेलवे झाँसी मंडल में आयोजित की गई विभागीय रेलवे गार्ड परीक्षा के रिजल्ट पर खतरे के संकेत मंडराने लगे हैं। 24 ऑडियो वायरल होने पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।

Update:2020-08-13 22:41 IST
रेलवे में बड़ा फर्जीवाड़ाः

झाँसी। उत्तर मध्य रेलवे झाँसी मंडल में आयोजित की गई विभागीय रेलवे गार्ड परीक्षा के रिजल्ट पर खतरे के संकेत मंडराने लगे हैं। 24 ऑडियो वायरल होने पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस मामले को पूरी तरह से दबाने की कोशिश की जा रही है। उधर, इलाहाबाद मुख्यालय से गार्ड परीक्षा पर विजिलेंस टीम की नजर रखे हुए हैं।

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करीब 150 परीक्षार्थियों ने लिया भाग

मालूम हो कि उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी मंडल में 23 फरवरी 2020 को रेलवे गार्ड के लिए विभागीय लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में वाणिज्य विभाग, टीसी, पौइंसमैन, शटिंग मास्टर आदि ने भाग लिया था। इसमें करीब 150 परीक्षार्थियों ने भाग लिया था। परीक्षा पास करने के बाद यह लोग मालगाड़ी के गार्ड बन जाएंगे।

बताते हैं कि 31 जुलाई 2020 को उक्त गार्ड का पैनल पास हो गया। इसमें 84 लोग पास हुए थे। इस परीक्षा के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। इसमें मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के विभिन्न विभागों के अफसरों को रखा गया था।

24 ऑडियो वायरल

अब बुधवार को उक्त परीक्षा के 24 ऑडियो वायरल हुए हैं। इन ऑडियो में पैसा वापस करने की बात को लेकर बातचीत की जा रही है। इसमें वाणिज्य क्लर्क, वाणिज्य सुपर वाइजर, रेलवे गार्ड शामिल है। यह ऑडियो कब बनाया गया है। इसकी किसी भी रेलवे अफसर ने पुष्टि नहीं की है। सूत्रों का कहना है कि विभागीय परीक्षा के लिए परिचालन विभाग द्वारा कमेटी के पास कुछ प्रश्नोत्तर दिए गए थे। कमेटी ने कुछ प्रश्नोत्तर अलग कर दिए। इसको लेकर विवाद शुरु हो गया था। विभागीय परीक्षा के लिए दस पेज का पेपर बनाया गया था।

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3 से 5 लाख रुपए में पेपर आउट

इसमें तमाम प्रश्न-उत्तर अंकित थे। यही नहीं, पास कराने के नाम पर भी ठेका लिया गया था। करीब 50 परीक्षार्थियों से 3 से पांच लाख रुपया लिया गया है। यह बात आम चर्चा में चल रही है। जिन लोगों ने पैसा दिया है। वह लोग फेल भी हो गए हैं। इसके बाद यह ऑडियो वायरल किए गए हैं। इससे रेलवे गार्ड की विभागीय परीक्षा रद्द हो सके मगर मामला दूसरा है। ऑडियो वायरल जैसे मामले को यहां के अफसर दबाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि इस मामले को रेलवे बोर्ड और एनसीआर मुख्यालय ने गंभीरता से लिया है। विजिलेंस जारी किए गए ऑडियो वायरल पर नजर रखे हुए हैं। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह ऑडियो कब, कितने समय वायरल किए गए हैं। इसको लेकर मोबाइल फोन की कॉलर डिटेल, यह आवाज किस रेलकर्मचारी की है। इसका पता लगाने की प्रक्रिया शुरु हो गई हैं। हालांकि किसी भी अफसर ने उक्त बात की पुष्टि नहीं की है। सूत्रों का कहना है कि यह घोटाला करीब डेढ़ करोड़ रुपयों का है। इसको लेकर अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। इस घोटाला की आड़ में किस अफसर पर गाज गिरेगी, यह तो जांच का विषय बना हुआ है।

रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा

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