Jhansi News: बधियाकरण के बाद भी खूब हो रहा श्वान प्रजनन, 7106 नर-मादा कुत्तों की कराई गई थी नसबंदी
Jhansi News: शहर की सड़कों और गलियों में पिल्लों की फौज दिखाई पड़ रही है। ऐसे में बधियाकरण में की गई मशक्कत और खर्च की गई धनराशि व्यर्थ साबित होती नजर आ रही है।
Jhansi News: बीते तीन वर्ष में झांसी महानगर में कुत्तों की नसबंदी (बधियाकरण) का अभियान चलाया गया। इस दौरान 7106 कुत्ते जिनमें नर व मादा शामिल हैं उनके ऑपरेशन किए गए। यह सब स्ट्रीट डॉग की श्रेणी में आते थे। इसके बाद भी शहर की सड़कों और गलियों में पिल्लों की फौज दिखाई पड़ रही है। ऐसे में बधियाकरण में की गई मशक्कत और खर्च की गई धनराशि व्यर्थ साबित होती नजर आ रही है।
नगर निगम क्षेत्र में कुत्तों की लगातार बढ़ती जा रही संख्या और इनके काटने की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए नगर निगम ने कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए कुत्तों की नसबंदी(बधियाकरण) का कार्यक्रम चलाया। बीते तीन वर्षों में कई बार अभियान चलाकर स्ट्रीट डॉग की धरपकड़ की गई। उन्हें वाहन से विशेष शिविर में लाया गया और वहां नसबंदी ऑपरेशन किए गए। बाद में उन कुत्तों को उन्हीं स्थानों पर छोड़ दिया गया। बताया गया कुत्तों की नसबंदी करने का कार्य एक कम्पनी को दिया गया था। पशु कल्याण विभाग के अनुसार 7106 स्ट्रीट डॉग की नसबंदी बधियाकरण किया गया। इनमें से 3707 नर और 3399 मादाओं के आपरेशन किए गए।
मात्र 800 कुत्तों के लाइसेंस बने
नगर निगम क्षेत्र में पालतू कुत्तों के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता है। मालूम हो कि महानगर क्षेत्र में हजारों लोग अच्छी देसी/विदेशी नस्ल के कुत्ते पाले हुए हैं पर मात्र 800 लोगों ने ही लाइसेंस बनवाए हैं। हालांकि नगर निगम द्वारा पशु पालकों से लगातार लाइसेंस बनवाने की अपील की जा रही है।