Jhansi News: साइबर अपराधः दो शातिर जालसाज गिरफ्तार

Jhansi News: पुलिस अधीक्षक (नगर) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार सिंह, एसएसपी राजेश एस के निर्देशन में फ्रॉड करने वाले के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

Update:2023-05-18 01:34 IST
(Pic: Newstrack)

Jhansi News: साइबर सेल और कटेरा पुलिस ने जावा आई कंपनी में फिल्म/ मूवीं के नाम पर 25 दिन में दोगुना रकम करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से लाखों कैश आदि सामग्री बरामद की है। यह गिरोह काफी दिनों से ग्रामीण इलाकों के युवाओं के साथ ठगी का कारोबार कर रहा था। इसमें यूपी और एमपी के लोग शामिल है। इसकी तलाश की जा रही है। पुलिस अधीक्षक (नगर) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार सिंह, एसएसपी राजेश एस के निर्देशन में फ्रॉड करने वाले के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत कटेरा और साइबर सेल की टीम ने दो ठगों को गिरप्तार किया। इनके पास से कैश आदि सामग्री बरामद की है।

इन आरोपियों को किया गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के थाना लिधौरा के ग्राम महेवा चक्र निवासी अनुज तिवारी और पूंछ कसबे में रहने वाले अंकित सोनी को गिरफ्तार कर लिया।

यह सामग्री हुई बरामद

तीन लाख 93 हजार कैश, दो मोबाइल फोन, एसबीआई कार्ड, वाहन की दो आरसी, दो डीएल, एक पैन कार्ड, एक एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, एक आयुष्मान कार्ड, एक टोपी जावा कंपनी, 75 पंपलेट जावा कंपनी, 715 विजिटिंग कार्ड आदि सामग्री शामिल है।

12 मार्च को सम्मानित हो चुके हैं अंकित सोनी

झाँसी पुलिस ने जिस साइबर अपराधी अंकित सोनी को गिरफ्तार किया है। वह जावा कंपनी के सीईओ के पद पर पदस्थ है। अंकित सोनी का जालौन में 12 मार्च 2023 को क्षेत्रवासियों में सम्मानित किया था। अंकित सोनी ने कहा था कि जावा आई में युवाओं को रोजगार देने का काम किया है। वह काम देती रहेगी।

यह है अपराध करने का तरीका

इस प्रकार के अपराध में अभियुक्तगण द्वारा जनता में यह प्रचार प्रसार किया गया था कि जावा आई नाम की कंपनी इंडोनेशिया में रजिस्टर्ड हैं जो कि पूरे विश्व के लगभग 106 देशों में काम कर रही है और इस कंपनी का काम 106 देशों में बनने वाली फिल्म/मूवीं की टिकटों को खरीदने पर कमीशन देना है। आरोपी अनुज और अंकित ने आम जनता को यह बताया कि अगर कोई भी जावा आई कंपनी में अपनी रकम लगाता है तो उस रकम को 25 दिन में दोगुना कर दिया जाएगा। रकम के दोगुना होने के लालच में जनता के कई लोगों द्वारा इस कंपनी में इनवेस्ट किया गया जिसको जावा आई कंपनी के एप्प में डॉलर के रुप में प्रदर्शित किया जाता था। इनवेस्ट की न्यूनतम धनराशि 50 डॉलर थी। जावा आई कंपनी के एप्प में 24 घंटे के एक बार में अपनी इनवेस्ट की गई रकम के अनुसार फिल्म/ मूवीं की टिकटों को खरीद की जा सकती है। जिस पर कमीशन के तौर डॉलर मिलते थे जो हर 24 घंटे के बाद बढ़ जाते थे।

बताते हैं कि अगर आपने जावा आई कंपनी के एप्प में 50 डॉलर की रकम इंवेस्ट किया तो उससे 05 फिल्म/मूवीं की टिकट खरीद कर सकते हैं जिसके एवज में आपको 24 घंटे में एक डॉलर बतौर कमीशन मिल जाएगा जो कि हर अगले 24 घंटे में बढ़ता जाएगा। आपके कमीशन में मिले हुये डॉलर को पुनः इनवेस्ट करने पर फिर से कमीशन मिल जाएगा। इस प्रकार से उक्त कंपनी द्वारा हजारों लोगों को कमीशन दिया गया था जिसमें आरोपीगण व उनके अन्य साथी भी शामिल थे। यह कमीशन को दिखा दिखाकर लोगों को जोड़ा जाता था। जावा आई कंपनी द्वारा अपने नीचे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने पर इंडोनेशिया देश को घूमने फिरने का टूर भी बतौर इनाम दिया गया। जिसमें दोनों ही आरोपीगण इंडोनेशिया देश जा चुके है। विदेश घूमने का भी लालच देकर लोगों को इस प्रकार की कंपनियों में जोड़ा जाता था।

जावा आई फेक

जावा आई फेक है या रियल इसकी बात करे तो इस कंपनी के संचालक का कोई अता पता नहीं है। संस्थापक का कोई पता नहीं है और ये एप सभी से पैसा ले रही है और अपना बिजनेस कर रहा है। इस कंपनी का न तो फाउंडर का नाम किसी को पता है और न ही इस कंपनी का सही पता कही लिखा है। इससे सोच सकते हैं कि आप धोखा का शिकार हो सकते हैं। अगर इस एप से इतना ही कमाया जा सकता था तो सभी लोग इसी अप्प पे काम करते और अमीर बन जाते, साथ ही बेरोजगारी खत्म हो जाती। सही तरीके से देखा जाए तो जावा आई एप एक फेक एप है। इसमें आप पैसा लगाने को गलती ना करें। ये कोई मूवी-प्रोडक्शन एप्प नहीं है। अगर ये मूवी-प्रोडक्शन होती के बड़े-बड़े डायरेक्टर और अभिनेता इसका नाम लेते है। इसका प्रचार-प्रसार करते पर एेसा नहीं है। ये अगर सही एप्प होता है तो इसके पास सभी लीगल डॉक्यूमेंट्स होता मगर इसके पास कोई डॉक्यूमेंटस नही है।

इस टीम को मिली सफलता

क्राइम ब्रांच के निरीक्षक पुरुषोत्तम नारायण तिवारी, कटेरा थानाध्यक्ष कौशल किशोर मिश्रा, उपनिरीक्षक अजीत कुमार, साइबर सेल के मुख्य आरक्षी भानु प्रताप, आरक्षी कौशल कुमार, विजय प्रताप, शरदबाबू, आलोक कुमार, मूलचंद्र आदि लोग शामिल रहे।

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