Jhansi News: धूमधाम और श्रद्धाभाव से हुआ देवी प्रतिमाओं का विसर्जन, मां काली की प्रतिमा रही आकर्षण का केंद्र
Jhansi News: शनिवार को महानगर के विभिन्न वार्डों और मुहल्लों से दुर्गा समिति के आयोजकों ने बैंडबाजों और डीजे के साथ देवी प्रतिमाओं के विसर्जन की यात्रा प्रारंभ की।
Jhansi News: नौ दिन तक चले नवरात्रि महोत्सव का शनिवार को देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ समापन हो गया। नौ दिन तक चले देवी आराधना के पर्व नवरात्रि पर महानगर में चहल पहल रही। विभिन्न देवी पंडालों में लोगों ने श्रद्धाभाव से देवी मां के नौ स्वरूपों का पूजन अर्चन किया। इस दौरान हर देवी पंडाल में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ कन्या भोज व भंडारे आयोजित किए गए।
देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए लक्ष्मीतालाब और पहूज नदी पर नगर निगम द्वारा अस्थाई कुंड बनाए गए थे ताकि प्रतिमाओं के केमिकल से तालाब व नदी का पानी प्रदूषित न हो। शनिवार को महानगर के विभिन्न वार्डों और मुहल्लों से दुर्गा समिति के आयोजकों ने बैंडबाजों और डीजे के साथ देवी प्रतिमाओं के विसर्जन की यात्रा प्रारंभ की। इससे पूर्व पंडालों में महाआरती की गई। सुबह से देवी प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारियां की जाने लगीं। विसर्जन यात्रा में बड़ी संख्या में युवाओं और महिलाओं ने देवी मां के जयकारे लगाए। सड़कों पर खूब गुलाल उड़ाया गया। विसर्जन यात्रा में डीजे की धुनों पर युवाओं की टोलियों ने नृत्य किया। इस दौरान पुलिस की खासी सुरक्षा व्यवस्था चौकस रही।
गोताखोरों की टीम भी मौके पर मौजूद रही
विभिन्न क्षेत्रों से आईं देवी प्रतिमाओं की सिंधी तिराहे पर पचकुंइया, आशिक चौराहा, पठौरिया, दतिया गेट, सिविल लाइन, तहसील क्षेत्र, गोविंद चौराहा, झोकनबाग सहित अन्य मुहल्लों से प्रतिमाएं पहुंचीं। जहां प्रतिमाओं को कतारबद्ध लगवाया गया। वहीं शहर में प्रतिमाएं दोपहर से ही निकलनी शुरू हो गई थीं। यहां से विसर्जन को प्रतिमाएं एक-एक करके लक्ष्मीतालाब की ओर रवाना हुईं। लक्ष्मीतालाब पर लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था रही। इस दौरान कुशल गोताखोरों की टीम भी मौके पर मौजूद रही।
वहीं पहूज नदी पर बनाए गए विसर्जन कुंड में सीपरी बाजार क्षेत्र, नंदनपुरा, आवास विकास कालोनी, गोंदू कंपाउंड, मिशन कंपाउंड, ग्वालटोली, नगरा, प्रेमनगर, पुलिया नंबर नौ आदि क्षेत्रों से प्रतिमाएं पहुंचीं। पहूज नदी के तट पर भी बड़ी संख्या में देवी प्रतिमाएं विसर्जन को पहुंचीं जहां उन्हें कतारबद्ध होकर लगवाया गया। बाद में प्रतिमा विसर्जन किया गया।