Jhansi News: गैंगरेप प्रकरण आखिर दोषी कौन, चार्जशीट में क्यों शामिल नहीं किए गए साक्ष्य, जांच शुरू
Jhansi News: शिकायत में अवगत कराया गया था कि इस मामले में सदर बाजार पुलिस ने भी जांच की थी। जिसमें आरोप लगाने वाली महिला के सारे आरोप असत्य लिए थे और घटना भ्रामक बताते हुए मोबाइल सीडीआर ओर सीसीटीवी विश्लेषण लिखते हुए मुकेश वर्मा को निर्दोष बताया था।
Jhansi News: उत्तर प्रदेश के जनपद झांसी में एक वर्ष पूर्व छेड़खानी के मुकदमे को गैंगरेप में तरमीम कर जेल भेजे गए पत्रकार की शिकायत पर शासन स्तर से दोबारा जांच शुरु कर दी गई। आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने बिना साक्ष्यों के न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की ओर मुकदमे के पूर्व सदर बाजार पुलिस द्वारा की जांच जिसमें पूरी घटना असत्य बताई गई उसे शामिल नहीं किया गया है। साथ ही मुकदमा लिखाने वाली महिला द्वारा कई घटनाएं बनाकर अलग अलग चार शिकायती पत्र दिए तथा बयान, एफआईआर, ओर 164 के बयान सभी में विरोधाभास है। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि आखिर दोषी कौन है। एक थानेदार पूरी घटना को असत्य बता रहा वही न्यायालय में बिना साक्ष्य के चार्जशीट दाखिल करना। इसमें भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। जिसको लेकर एसपी ललितपुर को जांच सौप दी गई है।
सीपरी बाजार के आदर्श नगर निवासी पत्रकार मुकेश वर्मा सहित कई जनप्रतिनिधियों और मीडिया संगठनों ने शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि झांसी में साजिश के तहत उसे फर्जी गैंगरेप प्रकरण में जेल भेजा गया है। जबकि मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला से उसका कोई लेना देना नहीं ओर न ही कभी फोन पर वार्ता हुई है। शिकायत में अवगत कराया गया था कि इस मामले में सदर बाजार पुलिस ने भी जांच की थी। जिसमें आरोप लगाने वाली महिला के सारे आरोप असत्य लिए थे और घटना भ्रामक बताते हुए मोबाइल सीडीआर ओर सीसीटीवी विश्लेषण लिखते हुए मुकेश वर्मा को निर्दोष बताया था।
झूठा षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज करने का आरोप
वहीं इस जांच रिपोर्ट के बाद भी कोतवाली थाना में उक्त महिला की शिकायत पर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर उसे गैंगरेप में तरमीम कर मुकेश वर्मा को जेल भेज दिया था। मुकेश वर्मा का आरोप है कि जब पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया उसी समय उसने दो आईजीआरएस प्रार्थना पत्र कोतवाली, सीओ सिटी, ओर पुलिस अधिकारियों को किए थे कि उसके खिलाफ झूठा षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला ने जहां जहां की घटनाएं दर्शाई है, वहां नगर निगम ओर प्राइवेट सीसीटीवी कैमरे लगे उनकी जांच पड़ताल की जाए। साथ ही मोबाइल सीडीआर का विश्लेषण किया जाए।
मुकेश वर्मा का आरोप है कि पुलिस ने न तो मोबाइल सीडीआर का विश्लेषण किया और न ही सीसीटीवी फुटेज निकाले ओर न ही सदर बाजार थाना की वह जांच रिपोर्ट शामिल ओर न ही मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला द्वारा अलग अलग चार शिकायती पत्र दिए उनका विश्लेषण नहीं किया और बिना साक्ष्यों को न्यायलय में चार्जशीट दाखिल कर दी। मामले को एडीजी कानपुर जोन ने गंभीरता से लेकर एसपी ललितपुर को जांच सौंपी गई है। मुकेश वर्मा ने शासन से मांग करते हुए कहा कि जांच जल्द से जल्द पूरी कराए जाए क्योंकि षड्यंत्र कारी पुलिस से मिलकर जांच को दबाने तथा प्रभावित कराने का कार्य कर रहे है।