Jhansi News: एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ा, घूसखोर बाबू, 50 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया
Jhansi News: झांसी का बीएसए कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। इस कार्यालय में कभी भी किसी समय कार्यालय का बाबू घूस लेते समय दबोचे जा रहे हैं। मंगलवार को एक बार फिर से एंटी करप्शन टीम ने बीएसए कार्यालय के बाबू को 50 हजार की घूस लेते रंगेहाथ दबोच लिया।
Jhansi News: झांसी का बीएसए कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। इस कार्यालय में कभी भी किसी समय कार्यालय का बाबू घूस लेते समय दबोचे जा रहे हैं। मंगलवार को एक बार फिर से एंटी करप्शन टीम ने बीएसए कार्यालय के बाबू को 50 हजार की घूस लेते रंगेहाथ दबोच लिया। बाबू ने निलंबित शिक्षिका को बहाल करने की एवज में घूस मांगी थी। पकड़े गए बाबू के खिलाफ सदर बाजार थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया है। बताया गया है कि इसी कार्यालय से एक बाबू भी इसी तरह की घूस लेते दबोचा गया था। इसके बावजूद बीएसए कार्यालय में सुधार नहीं हुआ है।
सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के प्रेमगंज मोहल्ले में रहने वाले राकेश कुमार पाठक ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन को शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि उसकी पत्नी श्रीमती जागृति पाठक उच्च प्राथमिक विद्यालय पच्चरगढ़ (कम्पोजिट स्कूल) ब्लाक चिरगांव में इंचार्ज प्रधानाध्यापिका के पद पर नियुक्त थी। 3 अगस्त 2024 को ग्राम प्रधान पच्चरगढ़ एवं अन्य ग्रामवासियों द्वारा दिए गए शिकायती पत्र में लगाए गए आरोपों के आधार पर जिला बेसिक अधिकारी ने 10 अगस्त 2024 को अपना स्पष्टीकरण साक्ष्य सहित उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देशित किया था।
शिकायती पत्र में कहा है कि 16 अगस्त 2024 को खंड शिक्षा अधिकारी चिरगांव की रिपोर्ट पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी झांसी ने शिकायतकर्ता की पत्नी को निलंबित कर दिया था और निलम्बन अवधि में शिकायतकर्ता की पत्नी जागृति पाठक को कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय विकास खंड मोंठ में सम्बद्ध कर दिया था। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 9 दिसंबर के द्वारा शिकायतकर्ता की पत्नी श्रीमती जागृति पाठक को अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु साक्ष्यों सहित देने को निर्देशित किया गया। शिकायतकर्ता व उसकी पत्नी श्रीमती जागृति पाठक ने 13 दिसंबर को संबंधित साक्ष्य/अभिलेख जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किए गए। जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में नियुक्त लिपिक रमाशंकर सोनकिया ने निलंबन आदेश को निरस्त कराकर बहाल कराने के एवज में डेढ़ लाख रुपयों की मांग की गई। शिकायतकर्ता की पत्नी श्रीमती जागृति पाठक द्वारा लिपिक रमाशंकर सोनकिया से अनुरोध किया गया कि इतने रुपये अभी उसके पास नहीं है तो लिपिक रमाशंकर सोनकिया ने 50 हजार रुपये पहले और एक लाख रुपए बाद में देने हेतु कहा गया है। इस शिकायती पत्र को भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी इकाई को गंभीरता से लेते हुए योजना बनाई थी।
इस योजना के तहत शिकायतकर्ता मेडिकल कालेज गेट नंबर तीन के पास खड़ा हो गया। इसी बीच लिपिक रमाशंकर सोनकिया निवासी डिफेंस कालोनी करगुंवा थाना नवाबाद भी पहुंच गया। जैसे ही शिकायतकर्ता ने बाबू के हाथ में 50 हजार रुपये की रिश्वत दी, तभी पीछे से आई भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने बीएसए कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक को दबोच लिया। उसे पकड़कर सदर बाजार थाना लाया गया। इसकी सूचना टीम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत अन्य अफसरों को दी गई। इस मामले में कनिष्ठ लिपिक के खिलाफ सदर बाजार थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है। उधर, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने घूस लेते पकड़े गए कनिष्ठ लिपिक रमाशंकर सोनकिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इस टीम को मिली सफलता
गिरफ्तार करने वाली भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी इकाई नेतृत्व निरीक्षक ठाकुरदास, निरीक्षक श्याम सिंह, सूर्येन्द्र प्रताप सिंह, राहुल कुशवाहा, ओमकार सिंह, मोहम्मद आरिफ, जितेंद्र सिंह, शिवम गुप्ता, कमल, अजय सिंह, मनोज कुमार शामिल रहे है।
इन्हीं कारणों से हटी थी पूर्व बीएसए
काफी दिनों पहले भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने बीएसए कार्यालय के बाबू को घूस लेते समय दबोच लिया था। इस मामले में तत्कालीन बीएसए नीलम यादव को झांसी से हटाया गया था।
सुबह नौ बजे से शुरु होता है बीएसए कार्यालय का कार्य
इस समय बीएसए विपुल कुमार सागर है। वह सुबह नौ बजे अपने कार्यालय में आकर बैठ जाते हैं। इसके बाद बाबुओं को अपने कक्ष में बुलाकर रणनीति तय करते हैं। किस बाबू को क्या करना है, कौन एबीएसए कहां-कहां के स्कूल चेक करेंगे। यही नहीं, वाट्सएप पर ड्यूटी कर रहे शिक्षक और शिक्षिकाओं के उपस्थिति व अनुपस्थिति मांगता है। इसका विरोध शिक्षक नेताओं ने भी किया मगर कुछ नहीं हुआ।
16 लाख में मिली है बीएसए की कुर्सी?
चर्चा यह है कि झांसी बीएसए की कुर्सी 16 लाख रुपये में तय हुई है। इस व्यक्ति को झांसी के बीएसए की कुर्सी चाहिए है तो उसको 16 लाख रुपया खर्च करना होगा, वरना सीट नहीं मिलेगी। 16 लाख रुपया देकर जैसे ही सीट पर कब्जा किया तो कार्यालय व एबीएसए से कहा जाता है कि पैसा लाओ, वरना कार्रवाई करेंगे।