Jhansi News: पटाखा फैक्टरी में विस्फोट से सात महिलाएं झुलसीं, चोरी छिपे हो रही थी संचालित
Jhansi News: पटाखा फैक्टरी में अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट होने से वहां आग लग गई। इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। हादसे में सात महिलाओं गंभीर रुप से घायल हो गई।
Jhansi News: समथर थाना क्षेत्र के पहाड़पुरा तिराहा के पास खेत में चोरी छिपे चल रही पटाखा फैक्टरी में अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट होने से वहां आग लग गई। इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। हादसे में सात महिलाओं गंभीर रुप से घायल हो गई। घायलों को उपचार के लिए मेडिकल कालेज लाया गया। यहां चार महिलाओं की हालात नाजुक बताई जा रही है।
समथर कसबे में रहने वाला आतिशबाज बन्ने खां पटाखों का निर्माण करा रहा था। दोपहर ढाई बजे पटाखों में बारुद्ध भरा जा रहा ता। अचानक तेज आवाज के साथ विस्फोट हो गया। इससे वहां हड़कंप मच गया।
सात महिलाएं झुलसीं
विस्फोट की जानकारी लगते ही वहां भीड़ इकट्ठा हो गई। इस हादसे में सुखदेवी पत्नी लक्ष्मन पाल (45), आरती पुत्री लक्ष्मन पाल (17) , नसरीन बानों पत्नी बन्ने खां (50), शिवानी पुत्री रवि साहू (21), लक्ष्मी पत्नी महेश साहू (46), अभय पुत्र विनोद वंशकार (18), रोहिणी पुत्री रामकुमार (16) समेत अन्य घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए मोंठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। हालात गंभीर होने पर कुछ लोगों को मेडिकल कालेज भेजा गया। यहां पर चार लोगों की हालात नाजुक बनी हुई है। वहीं, घटना की सूचना मिलते ही, एसपी देहात गोपीनाथ सोनी, सीओ मोंठ हरिमोहन सिंह, थाना प्रभारी अजमेर सिंह भदौरिया, पूंछ थानाध्यक्ष जे पी पाल व अन्य पुलिस अफसर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
कोई लाइसेंस नहीं था बन्ने खान के पास
मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय ने बताया कि फैक्ट्री मालिक के पास सिर्फ पटाखा बेचने का लाइसेंस था। वह अवैध रुप से पटाखा बनाने का काम कर रहा था। इसके लिए उसने कोई लाइसेंस नहीं लिया था। वह जंगल के बीच छुपाकर अवैध रुप से पटाखा बनाने का काम कर रहा था।
टीन शेड के नीचे चल रही थी अवैध पटाखा फैक्टरी
एसडीएम मोंठ प्रदीप कुमार ने बताया कि सभी घायलों को इलाज के लिए भेज दिया गया है। टीन शेड के नीचे यह फैक्टरी चल रही थी। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि अवैध पटाखा फैक्टरी में बारुद के ढेर पर जान जोखिम में डालकर मजदूर काम कर रहे थे।