Jhansi News: टहरौली तहसीलदार पर रिश्वत लेने का आरोप, पीड़ित ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार
Jhansi News: अवैधानिक रुप से कानून का अनदेखा करते हुए एक वसीयतनामा खारिज कर दिया है। आरोप यह भी है कि टहरौली तहसीलदार ने रिश्वत ली है। पीड़ित पक्ष ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।
Jhansi News: झाँसी जिले में भ्रष्टाचार की सीमा चरम सीमा पर है। मनमाफिक तरीके से सरकार के नियमों की अफसरों द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सभी नियम ताक पर रखते हुए गरीबों का हक छीना जा रहा हैं। ऐसा ही एक मामला टहरौली थाना क्षेत्र से आया है। अवैधानिक रुप से कानून का अनदेखा करते हुए एक वसीयतनामा खारिज कर दिया है। आरोप यह भी है कि टहरौली तहसीलदार ने रिश्वत ली है। पीड़ित पक्ष ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।
उल्दन थाना क्षेत्र के ग्राम नौटा निवासी राजकुमार सोनी ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि स्व० नेतराम पुत्र चतुर्भुज द्वारा अपने जीवनकाल में एक वसीयतनामा राजकुमार सोनी व अश्विनी कुमार सोनी पुत्रगण बाबूलाल निवासी नौटा के पक्ष में लिखा गया था। तहसील द्वारा राजकुमार आदि के पक्ष में 10 अगस्त 2004 को आदेश पारित किया गया था। उस आदेश के विरूद्ध कैलाश, दिनेश,अनिल अमित पुत्रगण सत्यप्रकाश श्रीमती पिस्ता देवी पत्नी सत्यप्रकाश एवं रामजी पुत्र स्व. सुरेश चन्द्र एवं श्रीमती सुनीता देवी पत्नी सुरेशचन्द्र ने 19 दिसंबर 2019 की पुर्नस्थापना प्रार्थना पत्र दिया था। जो कि 15 वर्ष बाद यह प्रार्थना पत्र विपक्षीगण द्वारा सोची समझी राजनीति के तहत प्रस्तुत करके राजकुमार सोनी जिसके द्वारा स्व० नेतराम पुत्र स्व० चतुर्भुज की जीवन भर सेवा खुशामद की उसके खाने पीने का ध्यान रखा गया और सभी प्रकार की सुख सुविधाओं का ध्यान रखते हुये उसकी सेवा की। जिससे प्रसन्न होकर स्व० नेतराम द्वारा वर्ष 1993 में वसीयत लिख दिया। उस समय वसीयत का पंजीकरण आवश्यक नहीं था। प्रश्नगत भूमि सन् 1956 के पट्टों की आराजी रही है। इसलिए विधि अनुसार संक्रमणीय भूमि ही थी जिसका राजस्व अभिलेखों में संकृमणी भूमि इन्दराज नहीं था।
वसीयत के गवाहों से नहीं कराई जिरह
शिकायती पत्र में कहा है कि गलत फायदा उठाते हुये जमीन हड़पने की लालच में विपक्षीगण ने तहसीलदार टहरौली को लाखों रूपये की रिश्वत देकर उसे अपने पक्ष में मिलाकर एक साजिश के तहत 15 वर्ष पुराना आदेश मर्यादा अधिनियम के प्रार्थना पत्र को अवैधानिक रूप से बिना किसी पर्याप्त कारणों को बताये मंजूर करते हुये बसीयत पर पारित आदेश को निरस्त कर दिया और अपने अधिकारों का दुरूपयोग करते हुये तहसीलदार टहरौली ने अपने पद प्रतिष्ठा के साथ घोर अन्याय किया है। पुर्नस्थापना प्रार्थना पत्र मंजूर करते हुये वसीयत के गवाहों से जिरह आदि का अवसर दिये बगैर पुर्नस्थापना आवेदक की साक्ष्य कराये बगैर सीधा आदेश करके खतौनी में दर्ज करा दिया।
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तहसीलदार ने गंभीर अपराध किया?
तहसीलदार द्वारा कानून को ताक में रखकर मनमाने तरीके से अपने अधिकारों का दुरूपयोग करते हुये पूर्व आदेश को निरस्त करने की गम्भीर गलती की है। जिसकी जांच पड़ताल व उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाना नितान्त आवश्यक व जरूरी है। इसके अलावा प्रार्थी को कब्जा 15 वर्षों से लगातार चला आ रहा है। और आज भी है। प्रार्थी से कब्जा वापस नहीं लिया।
कमिश्नर के आदेशों की खुलेआम उड़ाई धज्जियां
तहसीलदार टहरौली द्वारा पारित अवैधानिक आदेश 15 फरवरी 2023 के विरूद्ध निगरानी आयुक्त मण्डल झांसी के यहाँ वाद सं0 248 सन् 2022 राजकुमार आदि बनाम कैलाश आदि दाखिल की गई, जिसमें आयुक्त ने कहा कि 15 वर्ष के विलम्ब की वैधानिकता को अवश्य ध्यान में रखा जाये तथा यह भी कहा कि अगर प्रकरण में सुनवाई के तहत ऐसे तथ्य प्रस्तुत होते हैं कि विलम्ब मर्षण के कानूनी उपबन्ध का दुरुपयोग किया जाना विदित हो तो उसका भी संज्ञान लेकर निर्णय पारित किया जाये। इन सब बातों पर भी कोई गौर न करके सीधा राजस्व खतौनी में कैलाश आदि का नाम दर्ज करा दिया जो आयुक्त द्वारा दिये गये निर्देशों के भी खिलाफ है। प्रार्थी के साथ घोर अन्याय किया गया है। कैलाश आदि का नाम दर्ज होने से वह अपने पक्ष में हुये आदेश 15 फरवरी 2023 का दुरूपयोग कर रहा है। ऐसी स्थिति में तहसीलदार टहरौली के विरूद्ध उपरोक्त पत्रावली सहित तलबकर मजिस्टीरीयल जाँच कराई जाये। और दोषी तहसीलदार के खिलाफ सख्त व कठोर कार्यावाही की जाय। तहसीलदार के आदेश 15 फरवरी 2023 का क्रियान्वयन तत्काल प्रभाव से रोका जाये।