दरोगा भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर अंतरिम रोक

 इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दरोगा भर्ती 2016 के संबंध में राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए गत 28 फरवरी को घोषित सूची के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने मनीष कुमार यादव व 49 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया।

Update: 2019-03-27 15:16 GMT

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दरोगा भर्ती 2016 के संबंध में राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए गत 28 फरवरी को घोषित सूची के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने मनीष कुमार यादव व 49 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया।

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याचियों के वकील रजत राजन सिंह ने बताया कि याचिका में 28 फरवरी को दरोगा भर्ती 2016 के सम्बंध में घोषित किये गए, चयन सूची को चुनौती दी गई है। वकील के अनुसार याचीगण लिखित परीक्षा को 50 प्रतिशत मार्क्स पाकर उत्तीर्ण कर गए थे। जिसके बाद उन्होंने शारीरिक परीक्षा व शारीरिक दक्षता परीक्षा भी दी।

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याचीगण इन परीक्षाओं में भी सफल रहे। लेकिन 28 फरवरी को घोषित चयन सूची में उन्हें स्थान नहीं मिला। उन्हें बताया गया कि वे लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं माने गए।

याची के वकील ने बताया कि अभ्यर्थियों के लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों का मानकीकरण करते हुए, पर्सेंटाइल के आधार पर परिणाम घोषित किया गया। याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि लिखित परीक्षा ओएमआर शीट्स पर हुई थी तथा अभ्यर्थियों के विषय एक ही थे, ऐसे में मानकीकरण प्रक्रिया को अपनाना उचित नहीं था।

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याचिका का विरोध करते हुए, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने सफाई दी कि उक्त परीक्षा में पांच लाख से अधिक उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। ऐसे में सरकार को कई चरण में परीक्षा करवानी पड़ी थी। इसी वजह से मानकीकरण प्रणाली को अपनाने की जरूरत पड़ी।

याची के वकील ने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात, मामले पर विचार की आवश्यकता जताते हुए, अंतरिम आदेश पारित किया कि अगली सुनवाई तक चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र न बांटे जाएं। कोर्ट 30 मार्च को विस्तृत आदेश सुनाएगी।

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