SSP ने कहा-रात में कोई पुलिस की वर्दी में दरवाजा खटखटाए तो खोले नहीं, लेकिन क्यों

बीते दो अक्टूबर को गाजियाबाद के मोदीनगर में खाकी वर्दी में आए बदमाश कारोबारी समीर सिद्दीकी के घर दाखिल हो गए थे। बदमाशों ने मासूमों की गर्दन पर चाकू रख 50 लाख की डकैती डाली और फरार हो गए।

Update:2020-10-04 18:01 IST
पुलिस चोरी, लूट व डकैती की घटनाओं में बरामदगी के लिए अक्सर रात में ही संभावित ठिकानों पर छापा मारती है ताकि रात के अंधेरे अपराधी किसी से मदद न मांग सके।

गजियाबाद: यूपी के गजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने लोगों से अपील की है कि रात में अगर कोई दरवाजा खटखटाकर खुद को पुलिस बताए तो आप बिल्कुल भी अपने घर के दरवाजे ना खोले।

आप अपने नम्बर से पुलिस को फोन करके बुलाएं। तुरंत यूपी-112 पर काल करें। नहीं मिले तो तुरंत अपने चौकी प्रभारी, थाना प्रभारी या पुलिस कप्तान का नंबर डायल करें। मगर मकान का दरवाजा न खोलें।

एसएसपी ने क्यों कही ऐसी बात

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दो अक्टूबर को मोदीनगर में खाकी वर्दी में आए बदमाश कारोबारी समीर सिद्दीकी के घर दाखिल हो गए थे।

बदमाशों ने मासूमों की गर्दन पर चाकू रख 50 लाख की डकैती डाली और फरार हो गए। इस घटना के बाद जिले में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। जिसके बाद जिले के एसएसपी को आगे आकर लोगों से ऐसी अपील करनी पड़ रही है।

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि अपराधी अपराध करने के लिए नई-नई तरकीब अपना रहे हैं। इसीलिए रात में यदि कोई खुद को पुलिस बताकर आपके घर में घुसने का प्रयास करता है तो आश्वस्त होने के बाद ही दरवाजा खोलें। यूपी-112 से लेकर चौकी व थाना प्रभारी को काल करें। पड़ोसियों को बुलाएं। तुरंत दरवाजा न खोलें।

घर के दरवाजे की फोटो(सोशल मीडिया)

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मिर्च पाउडर रखें और इकट्ठे रहें

एसएसपी ने बताया कि बदमाश बातों के बीच में ही दरवाजा खुलवाने की पूरी कोशिश करेंगे। इतना नहीं यदि असली पुलिस भी रात के वक्त घर पर दस्तक देती है तो उन्हें दिन में आने को कहें। घर में मौजूद सभी सदस्य इकट्ठे हो जाएं। घर में यदि बच्चे हों तो उन्हें किसी एक व्यक्ति के साथ कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दें। मिर्च पाउडर और डंडा या रॉड ले लें ताकि पुलिस के वेश मे यदि बदमाश हों तो उनसे खुद ही निपट सकें।

अपनाएं ये उपाय

उन्होंने बताया कि पुलिस को फोन करने के अलावा यदि बाहर खड़े व्यक्तियों की पड़ताल करनी है तो अपने पड़ोसियों को फोन करें। उनसे कहें कि आपके घर के बाहर कुछ लोग खड़े हैं, जो खुद को पुलिस बता रहे हैं।

कोशिश करें कि आसपास के 4-5 घरों के लोग बाहर निकलकर आपके घर तक आएं। ऐसा होता है तो पुलिस के भेष में यदि बदमाश होंगे तो वे भाग जाएंगे क्योंकि बदमाश शोर व भीड़ से छिपकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं।

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पुलिस की फोटो(सोशल मीडिया)

पुलिस बनकर रहे ऐसा काम

यहां ये भी याद दिला दें कि पुलिस चोरी, लूट व डकैती की घटनाओं में बरामदगी के लिए अक्सर रात में ही संभावित ठिकानों पर छापा मारती है ताकि रात के अंधेरे अपराधी किसी से मदद न मांग सके।

साथ ही पता न चले कि कहां से गिरफ्तारी और कहां से बरामदगी हुई है। पुलिस के इसी तरीके का अब बदमाश गलत फायदा उठा रहे हैं।

शातिर बदमाशों ने बदला अपराध का तरीका

एसएसपी ने बताया कि बदमाश इतनी होशियारी से बात करेंगे कि शुरुआत में इन पर संदेह नहीं होगा। पुलिस की ही तरह धमकी भरे लहजे में बात करेंगे। किसी ऐसी घटना के बारे में कहेंगे, जिसकी आपको जानकारी नहीं होगी।

यकीन दिलाने के लिए थाना व चौकी समेत पुलिस की कार्यप्रणाली से जुड़े शब्दों का प्रयोग करेंगे। मोदीनगर में भी कारोबारी समीर की मां संजीदा से बदमाशों ने इसी तरह बातचीत की थी।

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