एक बार फिर भाजपाई बनने जा रहे कल्याण सिंह, आज लेंगे सदस्यता
सिंह कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी का एक बड़ा चहरा हैं, बाबरी मस्जिद विध्वंस में विवादास्पद काम रहा है। जब विवादित ढांचे का विध्वंस हुआ था तब सिंह ने इसकी ज़िम्मेदारी ली थी। यही नहीं, इसके साथ सिंह ने सरकार से इस्तीफा भी दे दिया।;
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह आज एक बार बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। आज लखनऊ में कल्याण सिंह बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस संबंध में लखनऊ में पहले से बैनर और होर्डिंग लाग दी गई हैं। बता दें, दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी और प्रखर वक्ता हैं।
यह भी पढ़ें: शर्मिंदा होगा पाकिस्तान: कश्मीर मुद्दे पर फिर UNHRC में कराएगा बेज्जती
राम मंदिर आंदोलन में भी 87 वर्षीय कल्याण काफी अहम भूमिका निभा चुके हैं। पांच जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे कल्याण सिंह आज बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे। बता दें, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान उनको राजस्थान का गवर्नर बनाया गया था।
बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद
वह 1993 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अत्रौली और कास्गंज से विधायक निर्वाचित हुये। चुनावों में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरा लेकिन मुलायमसिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी-बहुजन समाज पार्टी ने गठबन्धन सरकार बनायी। विधानसभा में कल्याण सिंह विपक्ष के नेता बने। वो सितम्बर 1997 से नवंबर 1999 तक पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
यह भी पढ़ें: Chandrayaan-2: खुशखबरी! अब जल्द अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है ‘विक्रम’
21 अक्टूबर 1997 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया। कल्याण सिंह पहले से ही कांग्रेस विधायक नरेश अग्रवाल के सम्पर्क में थे और उन्होंने तुरंत शीघ्रता से नई पार्टी लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया और 21 विधायकों का समर्थन दिलाया। इसके लिए उन्होंने नरेश अग्रवाल को ऊर्जा विभाग का कार्यभार सौंपा।
यह भी पढ़ें: रेखा-अक्षय रोमांस! बवाल के बाद ट्विंकल ने करना बंद कर दिया ये काम
दिसंबर 1999 में कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़ दी और जनवरी 2004 में पुनः भाजपा से जुड़े। 2004 के आम चुनावों में उन्होंने बुलन्दशहर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा। 2009 में उन्होंने पुनः भाजपा को छोड़ दिया और एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये।
सरकार से इस विवाद के बाद दिया था इस्तीफा
सिंह कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी का एक बड़ा चहरा हैं, बाबरी मस्जिद विध्वंस में विवादास्पद काम रहा है। जब विवादित ढांचे का विध्वंस हुआ था तब सिंह ने इसकी ज़िम्मेदारी ली थी। यही नहीं, इसके साथ सिंह ने सरकार से इस्तीफा भी दे दिया।