Kanpur Dehat News: खबरदार! निकाह में बजा बैंड-बाजा या डीजे तो... उलेमाओं ने दी सख्त हिदायत
Kanpur Dehat News: उलेमाओं ने निकाह में बैंड बाजा और डीजे के लेकर बड़ा फैसला लिया। इसके साथ ही उन्होंने सख्ती से कहा कि नियम का पालन न करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
Kanpur Dehat News: मुस्लिम समुदाय ने निकाह में डीजे, बैंड-बाजा को लेकर बड़ा फैसला लिया। फिजूलखर्ची और उपद्रव रोकने के लिए उलेमाओं ने एक फरमान जारी किया। उलेमाओं के द्वारा सर्वसम्मति से लिए गये इस फैसले मे बैंड-बाजा और डीजे पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। इससे निकाह में बैंड बाजा और डीजे की धुन पर थिरकने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उलेमाओं का कहना है कि इसके बावजूद अगर कोई बात नही मानता है तो उसके निकाह मे कोई उलेमा शामिल नही होगा।
जिले के उलेमाओं आपसी सहमति से कहा कि निकाह में फिजूलखर्ची बैंड बाजा नहीं बजना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सख्ती से कहा कि नियम का पालन न करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। कस्बे के आरामशाह बाबा की दरगाह मे कस्बे के नई जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना अनीसुर्रहमान साहब, नूरी जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना सैय्यद अजमत अली, नई बस्ती जामा मस्जिद के पेश ईमाम मुफ्ती हाशिम साहब व पुरानी जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना नियामत उल्ला साहब ने कस्बे के मुस्लिम वर्ग के संभ्रांत लोगों के साथ बैठक करते हुए कहा कि फिजूल खर्ची रोकने के लिए शादी व निकाह के दौरान बैंड बाजे और डीजे पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो अपनी शादी में बैंडबाजा व डीजे बजाएगा तो मौलाना उसका निकाह नहीं पढ़ाएंगे और इसके बावजूद भी अगर कोई हठधर्मी दिखाते हुए अपनी शादी में बैंड बाजा व डीजे करेगा तो फिर उस परिवार के जनाजे में भी मौलाना शिरकत नहीं करेंगे और जनाजे की नमाज भी नहीं पढ़ाई जाएगी।
डीजे का पैसा मदरसों और मौलवियों को दें
उलेमाओं ने कहा कि जो शादी मे डीजे व बैंडबाजे करके फिजूल खर्ची की जाती है, उसके बदले वही पैसा मदरसों व मौलवियों पर खर्च किये जाये ताकि मदरसों में पढ़ने बाले बच्चों में दीनी तालीम हासिल हो। नाच गानें से कुछ भी हासिल होने वाला नही हैं। इसकी इजाजत शरीयत भी नही देती है। कहा कि शादी के नाम पर गैर शरई कामों को अंजाम दिया जा रहा है। लड़की वालों से दहेज की मांग की जा रही है। दहेज की नुमाईश की जा रही है। इसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल ने निकाह को आसान करने का हुक्म दिया है। डीजे, ढोल-बाजे और आतिशबाजी इस्लाम मे नाजायज और हराम करार दिया है।उलेमाओ के इस फैसले की सभी लोगो ने सराहना की है।