Kanpur Dehat News: सरकारी अनाज पर डाल रहे थे डाका, स्कूलों और कोटे का राशन मिला व्यापारी के पास, छापेमारी में 76 बोरी बर
Kanpur Dehat News: सरकार के गलियारे से निकलने वाली योजनाएं और उनके लाभ कार्यालय और विभागों से निकलते तो हैं लेकिन जनता तक पहुंचते-पहुंचते दलालों और बिचौलियों की दहलीज पर दम तोड़ देते हैं।
Kanpur Dehat News: सरकार के गलियारे से निकलने वाली योजनाएं और उनके लाभ कार्यालय और विभागों से निकलते तो हैं लेकिन जनता तक पहुंचते-पहुंचते दलालों और बिचौलियों की दहलीज पर दम तोड़ देते हैं। गरीबों के लिए दिया जाने वाला राशन जब अमीर के घर से बरामद होने लगे तो कहा जा सकता है कि गरीबों के निवाले पर डाका पड़ने लगा है। कानपुर देहात में बीती देर रात सरकारी अनाज की कालाबाजारी का मामला सामने आया। सरकार जिन गरीब और कमजोर लोगों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था को लागू करती है, उस व्यवस्था में सेंधमारी करने का काम सफेद कॉलर के लोग रात के अंधेरों में करने का काम कर रहे हैं। यहां एक व्यापारी के गोदाम से सरकारी अनाज की 76 बोरियां बरामद की गईं। इनपर बकायदा सरकारी मोहर भी लगी हुई थी जो इस बात की तस्दीक भी कर रही थी।
खाद्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने व्यापारी के घर मारा छापा
सूचना पर पहुंची अधिकारियों की टीम ने कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के गुटैया गांव के अनाज व्यापारी ऋतिक के घर पर बड़ी तादात में सरकारी राशन को रखा गया है। जिसके बार फूड, मंडी समिति और पुलिस के साथ प्रशासन के अधिकारियों ने देर रात छापेमारी की ओर 76 बोरी सरकारी अनाज को बरामद कर कब्जे में ले लिया, हालांकि छापे के दौरान अनाज व्यापारी मौके से फरार हो गया लेकिन स्कूलों में गरीब बच्चों को मध्याहन भोजन इसी सरकारी अनाज से दिया जाता है। महीने में गरीब तबके के परिवारों की पेट की आग इसी राशन से मिटती है लेकिन पैसा कमाने के लिए काले कारोबार में लिप्त लोग गरीबों के निवाले को लूट रहे हैं ।
ये बताया खाद्य पूर्ति अधिकारी ने
मौके पर छापा मारने पहुंची टीम का संचालन कर रहे खाद्य पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें काला बाजारी की सूचना मिली थी और जब उनकी टीम छापा मारने पहुंची तो व्यापारी के घर में बने गोदाम से उन्हें 37 क्विंटल सरकारी अनाज बरामद हुआ है। हालांकि व्यापारी मौके से भाग निकला है। उसकी खोज की जा रही है और इस बात का पता लगाया जा है कि और कहां-कहां से ये व्यापारी सरकारी अनाज खरीद कर अधिक मूल्य पर बेचता है।