कानपुर: दीवारों से उतर कर अब पुलिस रजिस्टर में ही रहेंगे मोस्ट वांटेड अपराधी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने जीशान उर्फ जानू, बलवीर सिंह यादव और दूधनाथ सिंह की याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद यह माना था कि पोस्टर और बैनर पर अपराधियों के नाम के साथ उनकी आपराधिक जानकारी भी दी जाती है।
कानपुर: इलाहाबाद HC की डबल बेंच के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में थानों पर लगे टॉप टेन अपराधियों की सूची उतरने लगी है लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के एक सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी कानपुर में कई थानों में टॉप टेन अपराधियों के फोटो लगे हुए थी और सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह थी कि डीआईजी कार्यालय में भी टॉप-15 अपराधियों की होर्डिंग लगी हुई थी।
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जिसको लेकर जब मीडिया ने इस बारे में शनिवार देर रात डीआईजी कानपुर से बात करी तो उन्होंने आनन-फानन में समस्त थाना प्रभारियों को दिशा निर्देश जारी किए और थानों के अंदर लगाई गई टॉप टेन अपराधियों की सूची के पोस्टर को हटाने के निर्देश दिए और कहा कि इन सभी टॉप टेन अपराधियों को दीवारों से उतारकर पुलिस रजिस्टर में इनसे जुड़ी संपूर्ण जानकारी दर्ज की जाए।जिसके बाद कानपुर के थानों में अपराधियों के लगे पोस्टर तेजी के साथ उतरने लगे हैं।
क्या था मामला -
इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने जीशान उर्फ जानू, बलवीर सिंह यादव और दूधनाथ सिंह की याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद यह माना था कि पोस्टर और बैनर पर अपराधियों के नाम के साथ उनकी आपराधिक जानकारी भी दी जाती है। जिसको कोर्ट ने गलत मानते हुए कहा था कि ऐसा करना भारतीय संविधान के आर्टिकल-21 का उल्लंघन है.जिसके बाद एक हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए उत्तर प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए थे कि प्रदेश के सभी थानों में लगे बैनर हटा लिए जाएं और यह कार्य सीमित समय के अंदर हो जाना चाहिए जिसके चलते शनिवार की देर रात कानपुर के डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने दिशा निर्देश जारी करते हुए 24 घंटे के अंदर सभी थानों से पोस्टर व बैनर हटाने के निर्देश दिए हैं।
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क्या बोले डीआईजी कानपुर -
डीआईजी कानपुर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि थानों की दीवारों पर जो भी पोस्टर व बैनर लगे हुए थे उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश समस्त थानों को दे दिए गए हैं और सभी अपराधियों की जानकारी व अपराधिक इतिहास रजिस्टर में मेंटेन करने के लिए कहा गया है जो कि पहले भी किया जाता रहा है।उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
रिपोर्ट- अवनीश कुमार
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