Kanpur News: पहली बारिश के बाद बढ़े डायरिया के मरीज, अस्पतालों की ओपीडी और इमरजेंसी में मरीजों की भारी भीड़

Kanpur News: बदलते मौसम में डायरिया का हमला काफी तेज हो गया है। बरसात के बाद मरीजों में तेजी से इजाफा हुआ है। कानपुर मेडिकल कॉलेज, उर्सला, केपीएम और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की भारी भीड़ दिखाई दी।

Update:2023-06-27 20:06 IST
पहली बारिश के बाद बढ़े डायरिया के मरीज, अस्पताल में भारी भीड़: Photo- Newstrack

Kanpur News: बदलते मौसम में डायरिया का हमला काफी तेज हो गया है। बरसात के बाद मरीजों में तेजी से इजाफा हुआ है। कानपुर मेडिकल कॉलेज, उर्सला, केपीएम और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की भारी भीड़ दिखाई दी। जिला अस्पताल की ओपीडी में मंगलवार को भारी भीड़ देखने को मिली, जिन्हें इलाज मुहैया कराना अस्पताल प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बना

पेट संबंधी मरीजों के संख्या सबसे ज्यादा

कानपुर मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को हजारों के आसपास मरीज पहुंचे। बरसात के कारण संक्रमण ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। जिसके कारण पेट से संबंधित मरीजों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है। मरीजों में दस्त, उल्टी और बीपी-लो हो जाने की शिकायत आ रही है।

पहली बरसात में फैल जाता है संक्रमण

बरसात के बाद संक्रमण तेजी से फैलना शुरू हो जाता है। चूंकि बरसात के समय जगह-जगह गड्ढों में पानी भर जाता है और उसमें कीड़े पनपने लगते हैं, जोकि उड़ते हैं और फिर खाद्य सामग्री में बैठ जाते हैं, जिसका सेवन करने से संक्रमण आपके शरीर में फैल जाता है। घर में रखे बर्तन व कूलरों में जमा पानी से यह बीमारी फैल जाती है।

इसीलिए घर के पानी को व खाने की चीजों को हमेशा ढक कर रखना चाहिए। समय-समय रखे बर्तनों में पानी को बदलना चाहिए, कूलरों में दवा व समय-समय पर इसका पानी भी बदलना चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक इमरजेंसी में ऐसे मरीज अधिक आ रहे हैं, जिनका बीपी-लो हो जाता है। वह मरीज बेहोशी की हालत में पहुंच रहे हैं। ग्लूकोस चढ़ा कर बीपी को सामान्य किया जा रहा है। कुछ मरीज जिनको ग्लूकोस चढ़ाने के बाद भी बीपी सामान्य नहीं हो रहा है, आईसीयू में भी रखना पड़ जाता है। इसीलिए उल्टी और दस्त में लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों से ज्यादा हो रहा संक्रमण

डॉक्टरों ने बताया कि जो लोग बाहर की चीजें खा रहे हैं, उसमें अधिकतर जगह भोजन खुले में रखा होता या बासी होता है। जिसको फ्रिज में लगा दूसरे दिन गर्म कर बेच देते हैं। उनमें संक्रमण का खतरा अधिक है। जिसकी वजह से उनको पेट की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कानपुर के अलावा कानपुर देहात, औरैया, हमीरपुर, उन्नाव, घाटमपुर, इटावा, शुक्लागंज से भी मरीज बड़ी संख्या में कानपुर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने पहुंच रहे हैं।

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