Kanpur News: डिजिटल गमले में लगाए पौधा, समय-समय पर पौधे को मिलता रहेगा पानी, ऐसी है इसकी कहानी

Kanpur News: डिजिटल गमले में नीचे एक वाटर टैंक लगाया है। इसमें करीब डेढ़ लीटर पानी भरा जा सकता है। टैंक में भरा पानी लगभग 15 से 20 दिन तक पौधों को पानी देता रहेगा।

Report :  Anup Pandey
Update:2023-10-19 18:40 IST

Kanpur News (Pic:Newstrack)

Kanpur News: डॉ आंबेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडिकैप्ड में एक डिजिटल गमला तैयार किया है। जिसमें घर के पौधों की ठीक तरह से देखरेख ही नहीं करता,समय-समय पर गमले को पानी भी पहुंचता है। पौधों को कब गर्म कब धूप की आवश्यकता और कब पानी चाहिए या फिर मिट्टी में नमी कितनी है जैसी जानकारी गमला बताएगा। तापमान, आर्द्रता व पानी की जरूरत की जानकारी डिस्प्ले देगी। शहर में 50 स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत ट्रायल चल रहा है। छात्रों ने पेटेंट के लिए भी आवेदन कर दिया है।

संस्थान की केमिकल इंजीनियरिंग की छात्रा हिमांशी कुशवाहा व निहारिका गौर ने अपने साथी माही त्यागी, हर्षित सेंगर, देवेंद्र श्रीवास्तव, अनुराग तिवारी, शशांक पटेल व आर्यन सिंह के साथ मिलकर प्लांटेक इनोवेशन स्टार्टअप विकसित किया है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स व कोडिंग तकनीक पर डिजिटल गमला तैयार किया है। इसकी कीमत 1600 से 2000 रुपए के बीच है।

अब नहीं होगी पौधों की चिंता

डिजिटल गमले में नीचे एक वाटर टैंक लगाया है। इसमें करीब डेढ़ लीटर पानी भरा जा सकता है। टैंक में भरा पानी लगभग 15 से 20 दिन तक पौधों को पानी देता रहेगा। डिजिटल गमले में पौधे की जरूरत के अनुसार टैंक में रखे पानी का प्रयोग करेगा।


राज्यपाल ने किया सम्मानित

लखनऊ में बीते दिनों डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की ओर से स्टार्टअप एक्सपो का आयोजन किया गया था। इसमें प्राथमिक प्रजेंटेशन के आधार पर प्रदेशभर से 40 स्टार्टअप का चयन हुआ, जिन्हें एक्सपो में प्रजेंट किया गया। एक्सपो के निर्णायक मंडल ने एआईटीएच के स्टार्टअप प्लांटेक इनोवेशन को विजेता चुना। इन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक लाख रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया था।


सेंसर और माइक्रो कंट्रोलर गमले का है ब्रेन

इस गमले में सेंसर और माइक्रो कंट्रोलर सिस्टम लगाया गया है। माइक्रो कंट्रोलर सिस्टम एक तरह का गमले का ब्रेन है। कब पानी की जरूरत है और कितनी जरूरत है। पानी कम होता है तो माइक्रो कंट्रोलर की मदद से मोटर चालू हो जाती है और जरूरत के हिसाब से पानी पौधे को मिल जाता है। सेंसर का काम है कि जब टैंक में पानी नहीं होगा तो बता देगा।

धूप अधिक पड़ने पर मोबाइल पर आ जाएगा नोटिफिकेशन

इस गमले को बनाने में पूरे एक साल का समय लगा है। अब इसमें एक और सेंसर लगाने जा रहे है।जो मोबाइल से कनेक्ट रहेगा। धूप अधिक पड़ने पर मोबाइल पर नोटिफिकेशन आ जाएगा।गमले को धूप से हटाकर रख सकें। मोबाइल पर जानकारी मिलती रहेगी।

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