पुराने कानून से अवार्ड के बावजूद नये कानून से मुआवजा देने पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए अधिग्रहीत भूमि का 2013 के नये अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा देने के डीएम के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य विपक्षीगण से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने रामगली हरजिंदर नगर कानपुर के निवासी दर्शन सिंह को नोटिस जारी की है। यह आदेश जस्टिस दिलीप गुप्ता

Update: 2018-02-07 15:20 GMT
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए अधिग्रहीत भूमि का 2013 के नये अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा देने के डीएम के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य विपक्षीगण से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने रामगली हरजिंदर नगर कानपुर के निवासी दर्शन सिंह को नोटिस जारी की है। यह आदेश जस्टिस दिलीप गुप्ता तथा जस्टिस जयंत बनर्जी की खण्डपीठ ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की याचिका पर दिया है।

याची अधिवक्ता का कहना था कि दर्शन सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने डीएम को प्रत्यावेदन करने को कहा था। जिस पर 28 सितम्बर 2017 के आदेश से डीएम कानपुर नगर ने प्राधिकरण को नये कानून के हिसाब से मुआवजा भुगतान करने का निर्देश दिया। जिसकी वैधता को याचिका में चुनौती दी गयी है। याची का कहना था कि 2008 में जमीन ली गयी और मुआवजे का अवार्ड भी घोषित हो गया। बिना इस तथ्य को जाने डीएम ने बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आदेश दिया जो कि विधि सम्मत नहीं है। 2013 का कानून इस मामले में लागू नहीं होगा।

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