UP News: 'कानून बनाने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इजाजत नहीं चाहिए'...बोले केशव प्रसाद मौर्य
UP News: यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बोले 'मैं संघ का स्वयंसेवक हूं। जब हमारे सर संचालक जी कोई बात कहते हैं, तो वह हमारे लिए मार्गदर्शन होता है। हम टिप्पणी नहीं कर सकते।'
Keshav Prasad Maurya on AIMPLB: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) के हालिया बयान पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'मैं संघ का एक स्वयंसेवक हूं। जब हमारे सर संचालक जी कोई बात कहते हैं तो वह हमारे लिए मार्गदर्शन होता है। हम उनकी बात पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।' इस दौरान उन्होंने कहा, कानून बनाने के लिए संसद को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की इजाजत नहीं चाहिए।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने मुसलमानों से पूरी तरह शरीयत पर अमल करने की अपील करते हुए सरकार से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का इरादा छोड़ने का अनुरोध किया है। इसी मसले पर टिप्पणी करते हुए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'देश की संसद को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से इजाजत नहीं चाहिए। किसी भी कानून को लागू करने या बनाने के लिए उनकी राय ले।'
केशव मौर्य- दो काम पूरे..तीसरा शेष
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की विचारधारा का ये हिस्सा रहा है। राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi), अनुच्छेद- 370 (Article- 370) और यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) ये तीन काम हैं। उन्होंने कहा, इसमें से दो काम पूरे हो चुके हैं। तीसरा भी उचित समय आने पर पूरा होगा।'
'ओवैसी के विरोध से क्या फर्क पड़ता है'
वहीं, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बारे में टिप्पणी करते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, कि 'वो तो राम जन्मभूमि का भी विरोध कर रहे थे। वह हर चीज का विरोध करते हैं। उनके विरोध से क्या फर्क पड़ता है?'
'मैं संघ का एक स्वयंसेवक हूं'
आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान पर केशव प्रसाद मौर्य ने आगे कहा, 'मैं संघ का एक स्वयंसेवक हूं। जब हमारे सर संचालक जी कोई बात कहते हैं तो वह हमारे लिए मार्गदर्शन होता है। हम उनकी बात पर टिप्पणी नहीं कर सकते। गौरतलब है कि, एक दिन पहले ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी (Maulana Syed Rabe Hasni Nadvi) की अध्यक्षता में नदवतुल उलेमा लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। इस बैठक में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर एक प्रस्ताव पारित कर मुसलमानों से आह्वान किया गया था।
AIMPLB की बैठक में क्या हुआ?
लखनऊ में हुई बैठक के बाद बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी ने एक बयान जारी किया। जिसमें कहा गया था कि बोर्ड की बैठक मुसलमानों को यह याद दिलाती है कि मुसलमान का मतलब 'अपने आपको अल्लाह के हवाले करना' है। इसलिए हमें पूरी तरह शरीअत पर अमल करना है। AIMPLB ने अपने प्रस्ताव में ये भी कहा, देश के संविधान में बुनियादी अधिकारों में हर व्यक्ति को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी दी गई है।
मजहबी आजादी का ख्याल रखे सरकार
पर्सनल लॉ बोर्ड ने हुकूमत से अपील है कि वह आम नागरिकों की मजहबी आजादी का भी एहतराम (ख्याल) करे। क्योंकि, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करना 'अलोकतांत्रिक' होगा। उन्होंने सरकार से इस इरादे को छोड़ने की अपील की। साथ ही, धर्मांतरण (Conversion) को लेकर बनाए गए विभिन्न राज्यों के कानूनों पर नाराजगी जाहिर करते हुए बोर्ड ने ये भी प्रस्ताव पारित किया कि धर्म का संबंध उसके यकीन से है। इसलिए किसी भी धर्म को अपनाने का अधिकार एक बुनियादी अधिकार है।