किसानों के फैन मोदी: दुनिया को बताई कामयाबी की कहानी, किया ये ट्वीट

ये कहानी उन तीन युवाओं की है, जिन्होंने अपनी मेहनत और हुनर की बदौलत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसी शख्सियत को भी अपना फैन बना लिया।

Update: 2020-09-15 12:23 GMT
बनारस के युवा किसानों के फैन हुए पीएम मोदी (social media)

वाराणसी: ये कहानी उन तीन युवाओं की है, जिन्होंने अपनी मेहनत और हुनर की बदौलत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसी शख्सियत को भी अपना फैन बना लिया। उस दौर में जब दिग्गजों के हौसले धरासाई हो जा रहे हैं, वाराणसी के नारायनपुर के रहने वाले ये युवा कामयाबी के झंडे गाड़ रहे हैं। युवाओं ने मिट्टी से मोती उगाने की कहावत को सही साबित किया है।

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varanasi (social media)

लाखों का पैकेज छोड़ कर रहे हैं मोती की खेती

नारायणपुर गांव के रहने वाले रोहित आनंद पाठक और मोहित आनंद पाठक पढ़ाई के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे। लाखों रुपए का सैलरी पैकेज था। ऐशो-आराम से जिंदगी गुजर रही थी, लेकिन दोनों भाईयों के दिल में कुछ कसक थी। ये कसक थी कुछ अलग करने की। लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम के दौरान दोनों का मन खेती-बाड़ी में लगना शुरु हुआ। कुछ दिनों के रिसर्च के बाद दोनों ने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर मोती की खेती करने की ठानी। इन युवाओं ने पारंपरिक खेती से अलग मोती की खेती से तीन गुनी कमाई हो रही है और इनकी प्रेरणा से अब गांव के कई युवा इनकी तरह मोती की खेती करने की इच्छा जता रहा है।

मोती उगाने में लगता है एक से डेढ़ साल का समय

शुरुआती मुश्किलों के बाद मोती की खेती ने रफ्तार पकड़ी तो रोहित और मोहित ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। पहले खेती की बारीकियां सीखीं। इसके बाद हाथ आजमाना शुरु किया। इन युवाओं पर अब न तो कोरोना काल का कोई प्रभाव है और न इन्हें अपने रोजगार की चिंता की। रोहित बताते हैं कि पहले नदियों से सीप लाते हैं और अपने तालाब में उसे आकार देकर रखते हैं। इन्होंने अपने घर मे कृत्रिम तालाब बना रखा है। इसके साथ ही एक पुरातन तालाब भी है जिसमें सीप जिंदा रखते हैं। पूरी प्रक्रिया में एक से डेढ़ साल तक का समय लगता है। तैयार मोती को पालिश करके बाजार तक पहुंचा दिया जाता है। 50 हजार से शुरू हुआ इनका व्यवसाय आज तीन लाख तक पहुंच गया है जो निरंतर बढ़ता जा रहा है।

varanasi farmer (social media)

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युवाओं की कामयाबी पर निहाल हुए पीएम मोदी

परंपरा से हटकर एक नई किस्म की खेती में हाथ आजमाने वाले इन युवाओं ने पीएम मोदी का भी दिल जीत लिया है। खुद नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीटर हैंडिल से इन युवाओं की कहानी को ट्वीट किया। और लोगों को ये संदेश देने की कोशिश की कि अगर परिश्रम किया जाए तो मिट्टी से भी मोती उगाया जा सकता है। मोदी के ट्वीट के बाद अब रोहित, मोहित और श्वेतांक के घर आने वालों का तांता लगा है। लोग इन युवाओं की कामयाबी पर बधाई दे रहे हैं।

आशुतोष सिंह

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