ये क्या? प्लॉट के लिए वसूले डेढ़ करोड़ रुपये, रजिस्ट्री अपनों के नाम
राजधानी में ठगी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एलडीए से रिटायर हो चुके बाबू सद्गुरु शरण श्रीवास्तव के खिलाफ विभूतिखंड थाने में प्लॉट के नाम पर धोखधडी करने का केस दर्ज हुआ है।
लखनऊ: राजधानी में ठगी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एलडीए से रिटायर हो चुके बाबू सद्गुरु शरण श्रीवास्तव के खिलाफ विभूतिखंड थाने में प्लॉट के नाम पर धोखधडी करने का केस दर्ज हुआ है।
एफआईआर के मुताबिक दोनों ने विभूतिखंड में प्लाट नम्बर 13/4 –ए दिलाने के नाम पर अलीगंज निवासी व्यवसायी अश्विनी जायसवाल से 1.50 करोड़ रुपये लिये लेकिन रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली।
आरोप है की पीड़ित ये मामला दर्ज कराने के लिए एक साल से भटक रहा था।लेकिन पुलिस समझौता कराने में जुटी थीं।
अलीगंज सेक्टर एफ निवासी अश्विनी जायसवाल ने तहरीर में बताया कि साल 2015 से उनकी मुलाकात राजराम वर्मा से हुई।
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उसने खुद को एलडीए का बाबू बताते हुए विभूति खंड में प्लॉट दिलाने की बात कही और इसके लिए लिए 1.50 करोड़ रुपये का इंतजाम करने को कहा।
उसने ये रकम अपने नौकर राकेश और उसके पिता परमेश्वरदीन को देने को कहा। इसके बाद अश्विनी जायसवाल ने अपने खाते से 35 लाख रुपये निकाले। फिर इनकम टैक्स विभाग में तैनात बाबू
सद्गुरु शरण श्रीवास्तव के सामने राजाराम को नकद दी। इसके अलावा 10- 10 लाख के दो और चेक भी दिए। बाकी 95 लाख राजाराम के निर्देश पर परमेश्वरदीन के खाते में ट्रांसफर किये।
अश्विनी के मुताबिक पूरा भुगतान करने के कई दिनों बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई तो उन्होंने दवाब बनाया।
इस पर राजाराम ने साल 2016 में प्लाट पर कब्जा दिलवा दिया। लेकिन 2 मार्च 2017 को रजिस्ट्री अपनी पत्नी और बहू आंचल वर्मा के नाम करवा ली।
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जान से मारने की धमकी का आरोप
एफआईआर के मुताबिक रजिस्ट्री का पता चलने पर अश्विनी जायसवाल ने इनकम टैक्स के बाबू सद्गुरु सरण से मिलकर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही।
इस पर राजाराम और सद्गुरु ने उंची पहुंच का हवाला देते हुए पुलिस में शिकायत न करने की धमकी दी। आरोप है कि ऐसा करने पर जान से मारने की धमकी दी।
यहीं नहीं पीएमओ और आईजीआरएस में शिकायत करने के बाद भी पुलिस समझौते का दवाब बनाती रही।
आखिर में एडीजी राजीव कृष्णा से फरियाद करने पर विभूतिखंड पुलिस ने शनिवार को परमेश्वरदीन, राजाराम, राकेश और सद्गुरु के खिलाफ केस दर्ज किया।
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