आखिरी बड़ा मंगल: जानिए हनुमानजी के प्रमुख मंदिरों के नाम, यहां करें ऑनलाइन दर्शन
ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाला चौथा व आखिरी बड़ा मंगल है आज। इस बार लॉकडाउन में मंदिरों के पट बंद होने हनुमान जी के दर्शन नही किया जा सका। ज्येष्थ का बड़ा मंगल हनुमान जी की आराधना के लिए बेहद खास होता है।
लखनऊ: ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाला चौथा व आखिरी बड़ा मंगल है आज। इस बार लॉकडाउन में मंदिरों के पट बंद होने हनुमान जी के दर्शन नही किया जा सका। ज्येष्थ का बड़ा मंगल हनुमान जी की आराधना के लिए बेहद खास होता है। इस महीने 4 बड़े मंगलवार होते कहते हैं कि जो हनुमान जी की पूजा करता है। उसपर भगवान विष्णु भी प्रसन्न रहते है। आज इस मास का आखिरी बड़ा मंगल है तो हनुमान के 7 सबसे प्राचीन मंदिर के बारे में जानकर उनका ऑनलाइन दर्शन कर सकते है।
हनुमानगढ़ी, अयोध्या: अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है। यहां का सबसे प्रमुख श्रीहनुमान मंदिर हनुमानगढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है। इसमें 60 सीढ़ियां चढ़ने के बाद श्रीहनुमानजी का मंदिर आता है।
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मेहंदीपुर बालाजी, राजस्थान: राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ मेहंदीपुर नामक स्थान है। यह मंदिर जयपुर-बांदीकुई-बस मार्ग पर जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। दो पहाड़ियों के बीच की घाटी में स्थित होने के कारण इसे घाटा मेहंदीपुर भी कहते हैं।
सालासर बालाजी हनुमान मंदिर : हनुमानजी का यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में है। गांव का नाम सालासर है, इसलिए सालासर वाले बालाजी के नाम से यह मंदिर प्रसिद्ध है। हनुमानजी की यह प्रतिमा दाढ़ी व मूंछ से सुशोभित है। भक्त यहां दूर-दराज से उनके दर्शन करने आते हैं।
हनुमान धारा, चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के सीतापुर नामक स्थान के समीप यह हनुमान मंदिर स्थित है और सीतापुर से हनुमान धारा की दूरी तीन किलोमीटर है। पहाड़ के सहारे हनुमानजी की एक विशाल मूर्ति के ठीक सिर के पास दो जल के कुंड हैं, जो हमेशा जल से भरे रहते हैं और उनमें से निरंतर पानी बहता रहता है. इस धारा का जल हनुमानजी को स्पर्श करता हुआ बहता है इसीलिए इसे हनुमान धारा कहते हैं।
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प्राचीन हनुमान मंदिर,नई दिल्ली: यहां महाभारत कालीन श्री हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है। यहां पर उपस्थित हनुमान जी स्वयम्भू हैं। दिल्ली का ऐतिहासिक नाम इंद्रप्रस्थ शहर है, जो यमुना नदी के तट पर पांडवों द्वारा महाभारत-काल में बसाया गया था।
डुल्या मारुति, पुणे :पुणे के गणेशपेठ में स्थित यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। श्रीडुल्या मारुति का मंदिर 350 वर्ष पुराना है। पत्थर का बना यह मंदिर बहुत ही आकर्षक और भव्य है। मूल रूप से डुल्या मारुति की मूर्ति एक काले पत्थर पर अंकित की गई है। हनुमानजी की इस मूर्ति की दाईं ओर श्रीगणेश भगवान की एक छोटी सी मूर्ति स्थापित है ।
श्री पंचमुख आंजनेयर हनुमान, तमिलनाडु: तमिलनाडु के कुम्बकोनम नामक स्थान पर श्री पंचमुखी आंजनेयर स्वामी जी (श्री हनुमान जी) का मठ है। यहां पर श्री हनुमान जी की 'पंचमुख रूप' में विग्रह स्थापित है, जो अत्यंत भव्य एवं दर्शनीय है।