तम्बाकू पर चेतावनी: कानपुर में जागरूकता शिविर का आयोजन, बीमारियों पर चर्चा
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव साक्षी गर्ग द्वारा विधिक जागरूकता शिविर में बताया गया कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत कोटपा अधिनियम 2003 के सिगरेट और तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 की धारा-4 (बी) एवं धारा-6 (बी) मे से सार्वजनिक स्थलों पर ध्रूमपान करना निषेध है।
कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार जिले में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन कानपुर देहात के अकबरपुर के जिला अस्पताल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव साक्षी गर्ग की अध्यक्षता में की गई।
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर देहात सचिव साक्षी गर्ग द्वारा विधिक जागरूकता शिविर में बताया गया कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत कोटपा अधिनियम 2003 के सिगरेट और तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 की धारा-4 (बी) एवं धारा-6 (बी) मे से सार्वजनिक स्थलों पर ध्रूमपान करना निषेध है। कोटपा अधिनियम 2003 की धारा-4 (बी) एवं धारा-6 (बी) के अन्तर्गत जन सामानय के साथ-साथ चिकित्सालय/कार्यालय/विद्यालय में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी/विद्यार्थी के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुये परिसर को तम्बाकू मुक्त परिसर घोषित किया जाना है। निकोटिन के प्रभाव के चलते व्यक्ति को भूख प्यास कम लगने लगती है।
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तम्बाकू राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम
जैसा कि तम्बाकू का सेवन विभिन्न तरीके से किया जाता है। सिगरेट सामान्य और सबसे अधिक हानिकारक है। बीड़ी आमतौर पर भारत में उपयोग किये जाने वाला सबसे सामान्य प्रकार है। सिगार, हुक्का, सीसा, तम्बाकू चबाना आदि स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। विधिक जागरूकता शिविर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश कटियार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेन्द्र जतारिया एवं जनपद सहायक स्वास्थ्य श्रीमती निधि बाजपेयी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- मनोज सिंह
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