Lucknow News: हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन का जीवन रक्षक उपचार

Lucknow Latest News: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पहली “स्वैच्छिक प्लेटलेट डोनर रजिस्ट्री” शुरू करने के बाद अब निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने ग्रैनुलोसाइट फेरेसिस की स्थापना की है।

Report :  Shashwat Mishra
Update:2022-07-15 20:42 IST

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान। (Social Media)

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Lucknow Latest News: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. Ram Manohar Lohia Institute of Medical Sciences) में पहली "स्वैच्छिक प्लेटलेट डोनर रजिस्ट्री" शुरू करने के बाद अब निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद (Director Dr. Sonia Nityanand) ने ग्रैनुलोसाइट फेरेसिस की स्थापना की है। बता दें कि निदेशक एक प्रख्यात हेमटोलॉजिस्ट हैं और संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ में हेमटोलॉजी विभाग की संस्थापक भी हैं।

27 मई, 2022 को ग्रैनुलोसाइट ट्रांसफ्यूजन का पहला केस

उत्तर प्रदेश राज्य में पहला ग्रैनुलोसाइट ट्रांसफ्यूजन 27 मई, 2002 को प्रो डॉ. सोनिया नित्यानंद (Prof. Dr. Sonia Nityanand) द्वारा एक मरीज सु.पा. के लिए किया गया था। जो कि सेप्टिसीमिया व ई-कोलाई पायोमायोसिटिस नाम के प्राणघातक रोग से पीड़ित थे। ये रोगी अप्लास्टिक एनीमिया नामक एक हेमेटोलॉजी बीमारी के एक ज्ञात रोगी थे, जिसके लिए उसी वर्ष उनका एक सफल अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण (बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन) भी किया गया था। वर्तमान में रोगी 2 बच्चों के पिता हैं और हेमटोलॉजी ओपीडी में नियमित रूप से दिखाने आते हैं।

प्लोस वन में प्रकाशित हुई थी उपलब्धि

232 सफल ग्रैनुलोसाइट ट्रांसफ़्यूज़न पूर्ण होने के उपरांत, अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय ने अकादमिक उपलब्धि के इस शोध कार्य व प्राण-रक्षक उपचार को डॉ सोनिया नित्यानंद व टीम द्वारा उल्लेखित एक पेपर के रूप में, 27 दिसंबर, 2018 को क्लिनिकल हेमेटोलॉजी के PLOS ONE नामक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त से प्रतिष्ठित पत्रिका में से एक में प्रकाशित किया। जिसका शीर्षक था: 'गंभीर न्यूट्रोपेनिया के साथ रोगियों में जीवन के लिए संक्रमण का मुकाबला करने में ग्रैनुलोसाइट आधान की भूमिका: उत्तरी भारत में एक तृतीयक देखभाल केंद्र से अनुभव'।

जल्द शुरू होगा ग्रेन्यूलोसाइट्स डोनेशन और ट्रांसफ्यूजन

डॉ सोनिया नित्यानंद के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में निदेशक के पद पर नियुक्‍त होने के बाद, हेमेटोलॉजी से संबंधित रोगियों का उपचार शुरू हो गया है। इन रोगियों के इलाज हेतु संख्‍या लगातार बढ़ रही है। हेमेटोलॉजी विभागों को जन्म देने की अपनी चिरपरिचित कार्यशैली पर कायम रहते हुए लोहिया संस्थान में भी हेमेटोलॉजी विभाग की स्थापना के बीज का रोपण डॉ० सोनिया नित्यानंद द्वारा किया जा चुका है। इस क्रम में लोहिया संस्थान के ब्लड बैंक द्वारा भी ग्रेन्यूलोसाइट्स डोनेशन और हेमेटोलॉजी द्वारा ट्रांसफ्यूजन जल्द से जल्द शुरू होने जा रहा है।

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