Lucknow : एरा हॉस्पिटल हुआ सील, हाउस टैक्स का 32 लाख रुपए है बकाया

लखनऊ स्थित इरा हॉस्पिटल 15 सितंबर को सील कर दिया गया। बताया जा रहा है कि, लखनऊ नगर निगम ने हाउस टैक्स नहीं चुकाने की वजह से ये कार्रवाई की है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-09-15 08:37 GMT

Lucknow News : राजधानी लखनऊ में हाउस टैक्स के बड़े बकायेदारों के खिलाफ नगर निगम का एक साथ शुरू हो गया है। गुरुवार (15 सितंबर) को नगर निगम के अफसरों की मौजूदगी में जोन- 2 अकबरी गेट स्थित एरा हॉस्पिटल को सील कर दिया गया। एरा हॉस्पिटल पर 32 लाख रुपए हाउस टैक्स का बकाया है। कई बार नोटिस देने के बावजूद जब अस्पताल प्रशासन ने कर नहीं जमा किया तो आज नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के आदेश पर हॉस्पिटल को सील कर दिया गया।

सूत्रों के मुताबिक काफ़ी घाटे में चल रहे नगर निगम में बड़े बड़े बकाएदार हैं, इसी में एरा हॉस्पिटल भी शामिल था। 32 लाख रुपए बकाया होने के बाद भी यह अस्पताल आराम से संचालित किया जा रहा था। इसके जोन- 2 में तैनात अफसरों के भी मिलीभगत की बात कही जा रही है। इस अस्पताल में दो फ्लोर पर मेडिकल की पढ़ाई होती थी। बाकी फ्लोर पर अस्पताल धड़ल्ले से चल रहा था।

बकाए टैक्स वालों पर टेढ़ी नजर

वहीं, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने इस मामले को लेकर आज शाम अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की समीक्षा की जाएगी। क्योंकि, नगर निगम में ऐसे तमाम सरकारी और निजी आवासों के साथ कमर्शियल बिल्डिंगों के लाखो रुपए टैक्स बकाया है। इन भवनों के मालिक तमाम नोटिसों के बावजूद उसे जमा नहीं कर रहे हैं। जिससे नगर निगम का करोड़ों रुपए फंसा हुआ है। लंबे घाटे में चल रहा नगर निगम अब गृह कर को लेकर काफी गंभीर दिखाई दे रहा है।

नगर आयुक्त के आदेश के बाद अब सील की कार्रवाई तेजी से चल रही है। पिछले महीने 31 अगस्त तक हाउस टैक्स जमा करने की तारीख को बढ़ाया गया था. बावजूद उसके इतने बड़े बड़े कारोबारी भी नगर निगम का टैक्स नहीं दे पा रहे हैं.

नगर निगम का 660 करोड़ रुपए बकाया

जुलाई 2022 में तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 में नगर निगम का गृहकर वसूली का लक्ष्य 330 करोड़ रुपये है। जल्द ही निकाय चुनाव आने वाला है और उस समय बकायेदारों पर कड़ी कार्रवाई आसान नहीं होगी। इसे देखते हुए निगम प्रशासन ने शुरू में 25 हजार रुपये से अधिक के बकायेदारों से वसूली को लेकर कुर्की शुरू की थी इसके बाद अब बड़े बकायेदारों के खिलाफ भी कार्यवाही शुरू हो गई है। पहले इन्हें नोटिस जारी किया गया जब टैक्स नहीं जमा किया तो अब इनके इमारतें सील की जाने लगी है। नगर निगम में करीब छह लाख भवन गृहकर में पंजीकृत हैं। जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक 660 करोड़ के बकाये में 380 करोड़ रुपये टैक्स और 280 करोड़ रुपये ब्याज है।

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