Lucknow News: भारी बारिश से जमींदोज हुआ पंडाल, कुछ को मामूली चोटें

Lucknow News: पीजीआई कोतवाली के एल्डिको उद्यान-2 स्थित दुर्गा पंडाल का मामला। पंडाल गिरने की सूचना पर पहुंचे जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ।

Newstrack :  Rahul Singh Rajpoot
Update:2022-10-05 13:41 IST

भारी बारिश से जमींदोज हुआ पंडाल (photo: social media )

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी में बुधवार तड़के से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया है. दरअसल पीजीआई थाना क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से एक विशाल दुर्गा पंडाल जमींदोज हो गया. इसमें वहां मौजूद कुछ लोगों को चोटें आई हैं. जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ है उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं पंडाल गिरने की सूचना पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार से लेकर पुलिस के तमाम बड़े अफसर मौके पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली.

पीजीआई थाना क्षेत्र के एल्डिको 2 की घटना

दुर्गा पंडाल पीजीआई थाना क्षेत्र के एल्डिको उद्यान-2 में गिरा है. यहां डीपीएस के सामने बने पार्क में दुर्गा पंडाल बना था. हर वर्ष की तरह इस साल भी दुर्गा पंडाल बनाया गया था. माता की आराधना के लिए सुबह शाम भारी संख्या में लोग पहुंचते थे. आज विजयादशमी की मौके पर मूर्ति विसर्जन किया जाना था. उससे पहले सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से पानी भर गया और पूरा पंडाल भरभरा कर गिर गया. पंडाल के गिरने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार तत्काल मौके पर पहुंच कर पूरे घटना का जायजा लिया. डीएम ने भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए हैं.

उन्होंने लखनऊ के सभी टेंट वालों की कल ट्रेनिंग इनिंग कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं इसके साथ ही विद्युत सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा व अन्य सुरक्षा संबंधित व्यवस्थाओं के संबंध में प्रशिक्षण आयोजित करने को कहा है जिससे आने वाले समय में इस प्रकार की घटनाएं रोकी जा सकें. बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दुर्गा पूजा से पहले सभी तरह की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और एंबुलेंस को भी मुस्तैद रखने को कहा गया था. यहां पर गनीमत यह रही कि भदोही जैसा कोई हानि नहीं हुई. उसके पीछे बड़ी वजह वर्षा थी. जिसकी वजह से यहां पर लोगों की भीड़ कम थी. अगर यही पंडाल शाम के वक्त गिरा होता तो शायद बड़ा हादसा हो सकता था. क्योंकि मूर्ति विसर्जन के वक्त यहां लोगों की काफी भीड़ होती और उस दौरान अप्रिय घटना हो सकती थी.

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