Lucknow News: दया प्रकाश के निर्देशन में ही मंचित हुआ नाटक "रक्त अभिषेक"

Lucknow News Today: संगीत नाटक अकादमी की ओर से दया प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में नाटक “रक्त अभिषेक” का मंचन किया गया।

Update: 2022-11-25 16:26 GMT

नाटक “रक्त अभिषेक”

Lucknow News Today: संगीत नाटक अकादमी की ओर से दया प्रकाश सिन्हा (Daya Prakash Sinha) के निर्देशन में नाटक "रक्त अभिषेक" का मंचन किया गया। 'रक्त अभिषेक' नाटक ने दर्शकों को अहिंसा के आधे-अधूरे ज्ञान पर पुनर्विचार करने का संदेश दिया। नाटक के अनुसार अहिंसा का आधा-अधूरा ज्ञान, हिंसा को ही जन्म देता है।

इसलिए हिंसा और वध का अंतर समझना जरूरी है।


अंतिम मौर्य राजा बृहद्रथ के काल का है घटनाक्रम

घटनाक्रम अंतिम मौर्य राजा बृहद्रथ के काल का है। राजा बृहद्रथ की अहिंसा में अंध-श्रद्धा भारतीय सुरक्षा तंत्र को अक्षम बना देती है। वह यूनानी आक्रांता सिकन्दर की भारत में असफलता और सेक्युलस की पराजय का बदला लेने के लिए, यूनानी राजा मिनेंडर के आक्रमण का मार्ग, प्रशस्त करता है।


वास्तव में 'रक्त अभिषेक' नाटक आन्तरिक द्वन्द्व की है गाथा

वास्तव में 'रक्त अभिषेक' नाटक आन्तरिक द्वन्द्व की गाथा है, जो वाह्य विपदा, अराजकता और संहार को जन्म देते हैं। राजा बृहद्रथ की अहिंसा का विरोध उनके सैनिक ही कर देते हैं।


कथानक के अनुसार विदेशी रानी के प्रेम में जकड़ा, राजा जब अपने ही देश को खंडित करने का प्रयास करता है तो मातृभूमि की रक्षा के लिए उनका सेनापति पुष्यमित्र, अपने राजा का वध कर भारत मां का रक्त अभिषेक कर अपने कर्तव्य का पालन करता है।

Tags:    

Similar News