नई शिक्षा नीति: टास्क फोर्स की बैठक संपन्न, डिप्टी CM ने कही बड़ी बात

उपमुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने में नई शिक्षा नीति सहायक बनेगी।

Update:2020-08-27 23:39 IST
Task Force Meeting

लखनऊ: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को शिक्षण संस्थाओं में लागू करने की रणनीति तैयार करने वाली शिक्षा विभाग की टास्क फोर्स की बैठक बृहस्पतिवार को उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में विधान भवन में आयोजित की गई। नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए डॉ शर्मा ने कहा कि 34 साल बाद देश को नई शिक्षा नीति मिली है। इससे भारत की शिक्षा पर मौजूद लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति का प्रभाव खत्म हो जाएगा।

नई शिक्षा शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने में सहायक- दिनेश शर्मा

बैठक में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन किए जाने की दिशा में विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। कमेटी के सदस्यों ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में अपने सुझाव भी दिए। उपमुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने में नई शिक्षा नीति सहायक बनेगी। इसके अन्तर्गत भारत के विश्वविद्यालय विदेशों में अपने कैंपस खोल सकते हैं तथा विदेशों के विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस खोल सकते हैं।

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अथवा मिलकर कार्य कर सकते हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सभी श्रेणी एवं वर्गों के छात्र-छात्राओं को समानता पूर्वक गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में स्कूली शिक्षा ही गुणवत्ता परक विश्वव्यापी उच्च शिक्षा का आधार होगी। शिक्षा मातृभाषा में दिए जाने से बच्चों के समग्र विकास की अवधारणा पूरी होगी। उन्होंने कहा कि एक ऐसा प्रारूप बनाया जाए जिसमें रोजगार परक शिक्षा प्रारंभिक कक्षाओं से ही विद्यार्थियों को दी जा सके। जिससे विद्यार्थी अपनी शिक्षा के दौरान ही रोजगार की जो संभावनाएं हैं उन्हें हासिल कर सकें।

नई शिक्षा नीति से लॉर्ड मैकाले की नीति का प्रभाव होगा समाप्त- डिप्टी सीएम

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उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के पूरी तरह से क्रियान्वयन होने से लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति का प्रभाव समाप्त हो जायेगा। नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किए जाने वाले शिक्षा के प्रारूप में यह भी तय किया जाएगा की शत-प्रतिशत नामांकन कैसे सुनिश्चित किया जाए। नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में शिक्षा के प्रारूप को तैयार किए जाने हेतु गठित टास्क फोर्स में विभिन्न क्षेत्रों के विद्वजनों को शामिल किया गया है। इस टास्क फोर्स का उद्देश्य भारत के परिप्रेक्ष में शिक्षा के साथ ही स्टडी इन इंडिया एंड स्टे इन इंडिया के लक्ष्य को हासिल करना भी है।

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उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए अपने विभाग की विभागीय स्टीयरिंग कमेटी बना लें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उत्तर प्रदेश में क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग को सम्मिलित करते हुए 16 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के समस्त पहलुओं पर निर्णय लिया जाएगा तथा अंतर विभागीय समन्वय स्थापित किया जाएगा। कमेटी की अगली बैठक आगामी 28 सितम्बर को होगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बहुत ही प्रासंगिक- बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री

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बैठक में मौजूद प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) डॉ सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बहुत ही प्रासंगिक है। उत्तर प्रदेश में जब से योगी सरकार आयी है तब से निरन्तर शिक्षा में सुधार हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र शिक्षित होने के साथ-साथ रोजगार से जुडे़ इस पर ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग एवं आई0सी0डी0एस0 के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए प्री- प्राइमरी के बच्चों की उच्च प्राथमिक स्तर तक शिक्षा के सार्वभौमीकरण की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।

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बच्चों के त्रैमासिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर एक करोड़ से अधिक छात्रों का 40 लर्निग आउटकम्स पर उपलब्धि स्तर का डाटा उपलब्ध है। त्रिमासिक परीक्षा (सेट-2) के परिणामों पर आधारित छात्र रिपोट कार्ड समस्त छात्रों को भेजें जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2019 में मिशन प्ररेणा का लोकार्पण किया है। वर्ष 2022 तक प्राइमरी स्कूलों के समस्त छात्रों द्वारा बुनियादी साक्षरता एवं अंकगणितीय कौशल प्राप्त किये जाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। शारदा कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में तीन लाख से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विद्यालयों में नामांकित कराया गया।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

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बैठक में उपस्थित समिति के अन्य सदस्यों में अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद डॉ गिरीश चंद्र त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा एस राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, कुलपति एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय लखनऊ डॉ0 विनय पाठक,

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पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अशोक गांगुली, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान वाचस्पति मिश्र, अंग्रेजी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉक्टर निशा पांडे, उर्दू विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉक्टर अब्बास नैयर तथा महानिदेशक सर्व शिक्षा अभियान एवं सदस्य सचिव विजय किरण आनंद भी मौजूद रहे।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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