Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में डिजिटल युग में मानव अधिकार विषय पर आयोजित सेमिनार

Lucknow university: उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग व सिटी एकेडमी लॉ कॉलेज की देखरेख में मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेमीनार का अयोजन किया गया। जिसका विषय "डिजिटल युग में मानव अधिकार" था।

Written By :  Hema Shrivastava
Update: 2022-12-10 12:58 GMT

Lucknow university (Social Media)

Lucknow university: उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग व सिटी एकेडमी लॉ कॉलेज की देखरेख में मानवाधिकार दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में राष्ट्रीय सेमीनार का अयोजन किया गया। जिसका विषय "डिजिटल युग में मानव अधिकार" था। सेमिनार का अयोजन लॉ फैकेल्टी के प्रो. डॉ. बी. डी. सिंह एवं विधिक सहायता केन्द्र के चेयरपर्सन डॉ.आलोक कुमार यादव के मार्गदर्शन में हुआ। सेमिनार के मुख्य अतिथि चेयरपर्सन, उप्र राज्य विधि आयोग जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने सेमिनार का शुभारंभ मां भगवती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण करते हुए किया, और वहाँ उपस्थित सभी छात्रों को मानवाधिकार की महत्ता के बारे में विस्तारपूर्वक संबोधित किया।

सेमिनार में न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने 20 वीं सदी के दो विश्वयुद्धों के बारे में जिक्र करते हुए बताया कि इससे सबसे ज्यादा आम नागरिक प्रभावित हुए थे। उन्होंने बताया की राज्य के नीति निर्देशक तत्व व मौलिक अधिकार दोनों एक साथ मिलकर मानव अधिकार की रूप रेखा तय करते हैं।


सेमिनार के मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित प्रोफेसर बी.बी.पांडे ने बढ़ती सामाजिक एवं आर्थिक असमानता से लड़ने के लिए सूचना को संसाधित करके समस्याओं को हल करने पर जोर दिया। मानवाधिकार को राज्य एजेंसियों से ज्यादा जाति पदानुक्रमों से खतरा है। लखनऊ विश्वविद्यालय के विधिक सहायता केन्द्र से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए बताया की विधिक सेवा उपलब्ध कराने के दौरान एक मजदूर से भेट हुई। जिसके परिजन को गलत तरीके से कारावास में बंद करके रखा गया था। जिसे विधिक सेवा केन्द्र ने बाहर लाने में मदद किया गया। अंत में उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संविधान दिवस के अवसर पर संबोधन का जिक्र किया। सेमिनार का समापन विधिक सेवा केन्द्र के चेयरपर्सन डॉ. आलोक कुमार यादव को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए किया गया।



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