अलर्ट पर यूपी: तेजी से बढ़ रहा बाढ़ का प्रकोप, NDRF-SDRF की टीमें मौजूद

प्रदेश की नदियों में बने सभी तटबंधों पर निगाह रखी जा रही है और वह फिलहाल सुरक्षित हैं। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है।

Update: 2020-08-31 11:31 GMT
बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में  सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एनडीआरएफ की 10 टीमें तथा एसडीआरएफ की सात  टीमें, पीएसी की 9 टीमें व प्लाटून की एक टीम तैनाती की गयी है।

लखनऊ: प्रदेश में बाढ़ के हालात जस के तस बने हुए हैं। लेकिन आने वाले दिनों में बाढ का खतरा बढ़ सकता है। जिसके लिए राज्य सरकार की तरफ से अधिकारियों से सजग रहने को कहा गया है। प्रदेश की नदियों में बने सभी तटबंधों पर निगाह रखी जा रही है और वह फिलहाल सुरक्षित हैं। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है।

सरकार द्वारा लगातार किया जा रहा बाढ़ से निपटने का प्रयास

उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू लिए एनडीआरएफ की 12 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 17 टीमें तैनात की गयी हैं। 465 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गई हैं। बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में राज्य सरकार की तरफ से बराबर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है।

ये भी पढ़ें- शेयर में लगाते हैं पैसे तो ध्यान दें! बदलने वाले हैं ये जरुरी नियम, 1 सितंबर से होंगे लागू

यूपी में बाढ़ नियंत्रण का प्रयास (फाइल फोटो)

वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, सीतापुर तथा संत कबीर नगर) के 690 गांव बाढ़ से प्रभावित है। अधिकांश नदियों का जल स्तर घट रहा है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज बाराबंकी में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 494 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं तथा 7,29,389 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,723 कुंतल भूसा वितरित किया गया है।

जनपद एवं राज्य स्तर पर की गई आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना

यूपी में बाढ़ नियंत्रण का प्रयास (फाइल फोटो)

आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है। अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 350 मेडिकल टीम लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है।

ये भी पढ़ें- शेयर में लगाते हैं पैसे तो ध्यान दें! बदलने वाले हैं ये जरुरी नियम, 1 सितंबर से होंगे लागू

इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, दो किलो अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्राम धनिया, पांच लीटर केरोसिन, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, एक लीटर रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,77,620 खाद्यान्न किट व 3,18,703 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है।

Tags:    

Similar News