UP News : 2025 तक 'TB मुक्त प्रदेश' बनाने के अभियान को जोर दे रहा यूपी का स्वास्थ्य विभाग, टीबी अस्पताल के अधीक्षक ने बताया पूरा प्लान
UP News : बीते साल 2024 के आएं आंकड़ों में उत्तर प्रदेश ने अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक टीबी के मरीजों को चिह्नित करने का लक्ष्य हासिल किया है।;
UP News : भारत के प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इसी साल 2025 तक भारत को टीबी से मुक्ति दिलाने पर खास जोर दिया जा रहा है। ऐसे में यूपी का स्वास्थ्य विभाग भी इसी अभियान के तहत प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने की तैयारियों को मजबूती देता हुआ दिखाई दे रहा है। नतीजन, बीते साल 2024 के आएं आंकड़ों में उत्तर प्रदेश ने अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक टीबी के मरीजों को चिह्नित करने का लक्ष्य हासिल किया है।
लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित टीबी अस्पताल के CMS डॉ. स्वतंत्र प्रकाश सिंह ने टीबी मुक्त अभियान को जोर देने की तैयारियों पर बात करते हुए बताया कि अलग अलग अस्पताल से टीमें लोगों के घर घर जाकर टीबी के मरीजों को चिन्हित कर रही हैं। बीते साल के दिसंबर माह में शुरू हुए 100 दिन के विशेष अभियान के चलते प्रदेश में TB के मरीजों की संख्या में काफी गिरावट आई है।
2025 के अंत तक 'टीबी हारेगा, भारत जीतेगा', मरीजों को चिन्हित करने घर-घर जा रहीं टीमें
ठाकुरगंज स्थित टीबी अस्पताल के CMS डॉ. स्वतंत्र प्रकाश सिंह ने बताया कि अब से 30 वर्ष पूर्व भारत में 2 से ढाई करोड़ तक TB के मरीज थे, लेकिन आज ये संख्या गिरकर इतनी कम हो गई है तो इस साल 2025 के अंत तक भारत टीबी पर विजय पा लेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान को जोर देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में अलग अलग क्षेत्रों के लिए निर्धारित की गईं टीमें घर घर जाकर टीबी के मरीजों को चिन्हित कर रही हैं। ये टीमें मरीजों को चिन्हित करने के साथ ही ये भी तय करती हैं कि इसका किस प्रकार होगा।
'भारत को TB मुक्त बनाने के लिए पब्लिक की सहभागिता जरूरी'
उन्होंने बताया कि भारत TB से मुक्त तभी हो सकता है जब चिकित्सक के साथ साथ पब्लिक भी अपनी सहभागिता बराबर से दर्ज कराए। इसके लिए पब्लिक का TB को लेकर जागरूक होना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों का संकल्प है कि वो घर घर जाएं लेकिन इसके साथ ही पब्लिक को भी संकल्पित होना पड़ेगा कि उनके घर आने वाली टीम को वे पूरी और सही जानकारी दें, जिससे इस अभियान को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। कई दफे जानकारी न होने के कारण टीम से साथ लोग कॉपरेट नहीं करते हैं और सही जानकारी नहीं देते हैं। ऐसे में वे कहीं न कहीं इस अभियान को कमजोर करने का काम करते हैं।
लोगों से TB पर खुलकर बातचीत करने के लिए टीमों को विशेष तौर पर किया गया ट्रेंड
डॉ. स्वतंत्र प्रकाश सिंह ने बताया कि अभियान के तहत कई बार घर के बाहर टीमों के पहुंचने पर घर के लोग आसानी से अपनी इस समस्या से जुड़ी जानकारी देने में संकोच करते हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों को विशेष तौर पर ट्रेनिंग की गई है, जिसमें उन्हें निर्देशित किया गया है कि TB जैसे विषय पर बात करने के लिए जिस घर में जाए, उस दौरान सिर्फ उसी घर के लोगों से बात करें। इसके साथ ही इससे जुड़े किसी गंभीर स्थिति पर बात करने के लिए घर के मरीज से अकेले में बात करने के लिए निर्देशित किया गया है। ताकि, मरीज की सही जानकारी मिल सके और उसका समय से उपचार कराया जा सके।
टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी 'TPT' प्रोग्राम और TB मुक्त पंचायत से इस अभियान को मिल रही मदद
उन्होंने बताया कि टीबी के मरीजों को चिन्हित करने के लिए सरकार की ओर से टीपीटी यानी टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी नाम का प्रोग्राम चलाया जा रहा है, जिससे टीबी के मरीजों को चिन्हित करने में काफी मदद मिल रही है। इस कार्यक्रम के तहत, टीबी मरीज़ के संपर्क में आने वाले लोगों (जैसे उसके परिवार और मित्रों) को भी टीबी से बचाव के लिए उपचार दिया जाता है, जिससे वह TB से बच सके। इसके साथ ही इस अभियान के शहर के साथ साथ गांव तक पहुँचाने के लिए TB मुक्त पंचायत का अभियान चलाया जा रहा है।
जिसके तहत हमारी टीमें ग्राम पंचायत से जुड़े सभी प्रमुख सदस्यों की सहभागिता लेते हुए ट्रेसिंग और टेस्टिंग के माध्यम से उस पंचायत को TB मुक्त करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत लखनऊ जनपद की 12 पंचायतें पूर्ण रूप से टीबी मुक्त हो चुकी हैं।