PDA Cycle Yatra: सपा के पीडीए यात्रा में शामिल हुए अखिलेश, समर्थकों के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दौड़ाई साइकिल

PDA Cycle Yatra:लखनऊ में पीडीए यात्र का स्वागत करने के लिए अखिलेश यादव खुद सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर मौजूद थे। यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत करते हुए सपा मुखिया खुद साइकिल पर सवार हुए और जनेश्वर मिश्र पार्क तक गए।

Update:2023-10-30 15:47 IST

सपा के पीडीए यात्रा में शामिल हुए अखिलेश, समर्थकों के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दौड़ाई साइकिल : Photo- Social Media

PDA Bicycle Yatra: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव घोसी उपचुनाव में सपा को मिली बड़ी जीत के बाद से भारी आत्मविश्वास में हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के आक्रमक हिंदुत्व की काट के तौर पर उन्होंने नया समीकरण पीडीए (पिछड़ी, दलित और अल्पसंख्यक) बनाया है, जिसे उनके पारंपरिक सियासी समीकरण माय (मुस्लिम यादव) का विस्तृत रूप भी कहा जा रहा है। इसी समीकरण को जमीन पर उतारने के लिए सपा सुप्रीमो ने पिछले दिनों पीडीए साइकिल यात्रा का आगाज किया था, जो आज राजधानी लखनऊ पहुंची।

Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

लखनऊ में पीडीए यात्र का स्वागत करने के लिए अखिलेश यादव खुद सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर मौजूद थे। यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत करते हुए सपा मुखिया खुद साइकिल पर सवार हुए और जनेश्वर मिश्र पार्क तक गए। इस दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का पूरा हुजूम उमड़ पड़ा।



यूपी सरकार पर जमकर बरसे अखिलेश

यात्रा शुरू करने से पहले अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस की थी। जिसमें उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, हमने इतना शानदार स्टेडियम बनवाया, इसलिए हम अगड़े हैं और जिसने कुछ नहीं बनवाया, वह पिछड़े हैं। नेता प्रतिपक्ष ने पीजीआई में पूर्व बीजेपी सांसद के बेटे की मौत पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, उनकी मौत का जिम्मेदार डॉक्टर या स्टॉफ नहीं बल्कि मुख्यमंत्री और डबल इंजन सरकार हैं क्योंकि उन्होंने बजट ही नहीं दिया।

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प्रयागराज से शुरू हुई थी यात्रा

सपा की पीडीए साइकिल यात्रा 9 अगस्त को संगमनगरी प्रयागराज से शुरू हुई थी। देश बचाओ-देश बनाओ थीम के साथ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी। पिछले 82 दिनों में यह यात्रा 25 जिलों को कवर कर चुकी है। इस दौरान इसने करीब 5 हजार किमी का सफर तय किया।

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प्रयागराज से निकलकर यह यात्रा यात्रा कौशाम्बी पहुंची, वहां से चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, फैजाबाद, बस्ती, संतकबीर नगर, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा, बाराबंकी होते हुए आज यानी सोमवार को लखनऊ पहुंची। लखनऊ से उन्नाव, कानपुर और कन्नौज होते हुए साइकिल यात्रा मैनपुरी जाएगी। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर यह यात्रा 22 नवंबर को यादव परिवार के पैतृक गांव सैफई पहुंचेगी।

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यात्रा का क्या है उद्देश्य ?

सपा नेताओं के मुताबिक, इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जातिगण जनगणना की मांग है। अखिलेश यादव पिछले कुछ समय से लगातार अपनी सभाओं में इस मांग को उठाते रहे हैं। पीडीए का जिक्र भी वो इसी संदर्भ में करते हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नेता आजम खान पर दर्ज झूठे मुकदमों को विरोध और दलितों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारा का विरोध भी यात्रा के उद्देश्यों में शामिल है।

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क्या सफल हो पाएगी साइकिल यात्रा ?

अखिलेश यादव प्रदेश में पहले भी साइकिल यात्रा निकाल चुके हैं, जो सपा के लिए काफी कारगर साबित हुआ था। 2012 में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले तत्कालीन मायावती सरकार के खिलाफ उन्होंने प्रदेशभर में साइकिल यात्रा निकाली थी, जो काफी सफल साबित हुई थी। अखिलेश की लोकप्रियता में भारी इजाफा हुआ और विधानसभा चुनाव में जब सपा को विराट जीत मिली तो सेहरा के उनके सिर बंधा। ऐसे में क्या अखिलेश अपनी पार्टी को दोबारा वैसी सियासी कामयाबी दिला पाएंगे, ये 2024 के नतीजे बता देंगे।

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