Lucknow News: महिलाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला पूर्व मंत्री ने बताया शर्मनाक: समाज में कानून का डर हो जाएगा खत्म

Lucknow News: इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह कहना कि महिला के अंग पकड़ना और उसके कपड़ों की डोरी तोड़ना दुष्कर्म की कोशिश नहीं है, यह पूरी न्यायपालिका की साख पर गहरी चोट है।;

Update:2025-03-21 17:12 IST

Lucknow News (Image From Social Media)

Lucknow News: पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया फैसले पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि महिला के निजी अंग पकड़ना, उसके कपड़ों से छेड़छाड़ करना और उसे घसीटने की कोशिश करना किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार्य कृत्य हैं। ऐसे मामलों को अपराध की तैयारी और वास्तविक प्रयास के बीच के अंतर का बहाना बनाकर हल्का करना न्याय की भावना के साथ भद्दा मजाक है।

अनीस मंसूरी ने उठाए सवाल

पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यौन इरादे से किया गया कोई भी कृत्य यौन हमले के दायरे में आता है। फिर इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह कहना कि महिला के अंग पकड़ना और उसके कपड़ों की डोरी तोड़ना दुष्कर्म की कोशिश नहीं है, यह पूरी न्यायपालिका की साख पर गहरी चोट है।

निर्णय महिलाओं के लिए खतरनाक संदेश देता है

पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने चेतावनी दी कि यह फैसला महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देगा और अपराधियों को कानूनी संरक्षण देने जैसा है। यदि एक महिला पर बलपूर्वक हमला किया जाता है। और उसके कपड़ों से छेड़छाड़ की जाती है, और फिर भी इसे दुष्कर्म की कोशिश ना मानकर केवल अपराध की तैयारी करार दिया जाता है, तो यह न्याय के नाम पर अन्याय का खुला उदाहरण है।

सरकार और न्यायपालिका से पुनर्विचार की मांग

पसमांदा मुस्लिम समाज इस फैसले की कड़ी भर्त्सना करता है और सरकार व उच्चतम न्यायालय से अपील करता है कि इस फैसले की तुरंत समीक्षा की जाए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्पष्ट एवं कठोर कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने कहा कि अगर इस तरह के फैसले जारी रहे तो महिलाओं का न्यायपालिका पर से विश्वास उठ जाएगा और समाज में कानून का डर समाप्त हो जाएगा।

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