Homeopathy Conference: होम्योपैथी में हर रोगी पर रिसर्च संभव, मंत्री बोले- नए शोधों से दवाओं का तेजी से हो रहा असर

Homeopathy Conference: आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालू ने कहा कि मरीजों को बेहतर से बेहतर दवाएं मुहैया कराने से लेकर होम्योपैथिक अस्पतालों की मरम्मत का काम तेजी से हो रहा है। भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि जर्मनी की विधा को अपनाने वाले सबसे अधिक भारत में हैं।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-02-10 17:05 GMT

Homeopathy Conference: AYUSH Minister Dayashankar Mishra Dayalu (Pic: Newstrack)

Homeopathy Conference: रिसर्च सोसायटी ऑफ होम्योपैथी की ओर से डालीबाग क्षेत्र स्थित गन्ना संस्थान में दो दिवसीय तृतीय अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथिक कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालू रहे। उन्होंने कहा कि सरकार होम्योपैथिक विधा को आगे बढ़ाने के लिए हर स्तर पर काम कर रही है।

तेजी से हो रहा होम्योपैथिक दवाओं का असर

मुख्य अतिथि आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालू ने कहा कि मरीजों को बेहतर से बेहतर दवाएं मुहैया कराने से लेकर होम्योपैथिक अस्पतालों की मरम्मत का काम तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि जर्मनी की विधा को अपनाने वाले सबसे अधिक भारत में हैं। नए शोधों से होम्योपैथिक दवाओं का मरीजों पर तेजी से असर भी हो रहा है। कोरोना जैसी महामारी में होम्योपैथी का अहम योगदान रहा। आयुष मंत्री ने कहा कि लखनऊ के इंदिरा नगर में ही एचडीआरआई के परिसर का उद्घाटन से यह साबित होती है कि सरकार आयुष को बढ़ाने के प्रति बहुत अधिक जागरूक है।

कोरोना से लड़ने में कारगर रही होम्योपैथी

राज्य राष्ट्रीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं के प्रो. डीके सोनकर ने बताया कि कोरोना काल के दौरान होम्योपैथिक के जरिए लगभग 10 हजार रोगियों का उपचार किया। जिससे न सिर्फ उन्हें लाभ हुआ बल्कि वह पूर्णतया ठीक भी हो गए। प्रो. सोनकर का कहना है कि मौजूदा समय में संस्थान के हर्बल प्लांट में मेडिसिनल प्लांट लगाए जा रहे हैं। इससे हमें मधुमेह संबंधित रिसर्च और कार्य करने में मदद मिलेगी। प्राचार्य प्रो. डीके सोनकर ने बताया कि इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में होम्योपैथी से जुडे शोध पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं। जिसमें देश भर के अलग-अलग राज्यों से चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया है। प्रो. सोनकर ने कहा कि क्रोनिक और नॉन क्रोनिक बिमारियों पर भी विशेषज्ञ अपने विचार पेश कर रहे हैं।

सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी के पूर्व चेयरमैन डॉ. रामजी सिंह ने इस दो दिवसीय कांफ्रेंस की अध्यक्षता की। रिसर्च सोसायटी ऑफ होम्योपैथी के अध्यक्ष डॉ. सीपी सिंह ने सोसायटी के गठन व आगे किए जाने वाले आयोजनों को बताया। सभी डॉक्टरों ने सर्वसम्मति से कहा कि सभी होम्योपैथिक विद्यालयों में अंतः रोगी विभाग (आईपीडी) पर अधिक काम करने की जरूरत है। कांफ्रेंस में होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ. अमित, डॉ. पूजा नायक और महाराष्ट्र से आए डॉ. धर्मेंद्र चक ने भी अपने विचार रखे।

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