Lucknow News: KGMU में स्तन कैंसर जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

Lucknow News: केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। जो महिलाएं बच्चों को कम स्तनपान करा रही हैं, उनको अधिक समस्या हो रही है। ज्यादा उम्र बीत जाने के बाद शादी करने पर महिलाओं को यह दिक्कत हो रही है।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-10-26 18:15 IST

Lucknow News: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी भवन में शनिवार को स्तन कैंसर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। यहां केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। जो महिलाएं बच्चों को कम स्तनपान करा रही हैं, उनको अधिक समस्या हो रही है। ज्यादा उम्र बीत जाने के बाद शादी करने पर महिलाओं को यह दिक्कत हो रही है। लेकिन राहत की खबर है कि पिछले कुछ वर्षों में स्तन कैंसर से होने वाली मौतों में कमी देखने को मिली है।


पहले से अधिक जागरुक महिलाएं

जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. विजय ने कहा कि पहले की अपेक्षा महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर को लेकर अधिक जागरुक दिख रही हैं। महिलाएं पहले तीसरे या चौथे स्टेज में अस्पताल पहुंचती थीं। अब शुरुआती दौर में ही अस्पताल आने से महिलाओं की समस्या का समाधान हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि इलाज समय पर मिलने से महिलाएं स्तन कैंसर की जंग में जीत हासिल करने में कामयाब हो रही हैं।

40 साल के बाद हर वर्ष कराएं मेमोग्राफी

कार्यक्रम में डॉ. नसीम अख्तर ने कहा कि सतर्कता से स्तन कैंसर के खतरों से काफी हद तक बच सकते हैं। स्तन, ऊपरी छाती या बगल में गांठ या सूजन नजर आए तो संजीदा हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 40 साल के बाद हर एक साल में महिलाओं को मैमोग्राफी जांच करानी चाहिए। इसके अलावा सेल्फ एग्जामिनेशन करना चाहिए। डॉ. समीर गुप्ता ने बताया कि स्तन कैंसर का पता शुरुआती अवस्था में लग जाए तो इलाज आसान हो जाता है। साथ ही पहले के मुकाबले बेहतर तकनीक इसका इलाज आसान बना रही हैं। अब कैंसर के लिए ऐसी काफी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है जिससे बेहद कम समय में और बेहद कम साइड इफेक्ट्स के साथ इसका इलाज मुमकिन हो जाता है।


महिला ने सुनाई कैंसर से लड़ाई की कहानी

स्तन कैंसर जागरुकता कार्यक्रम में ब्रेस्ट कैंसर से लड़कर जीतने वाली एक महिला ने अपनी कहानी सुनाई। महिला ने बताया कि सबसे पहले स्तन में गांठ महसूस हुआ। शुरु में किसी से बताने में शर्म आ रही थी। दो महीने बाद दिक्कत अधिक बढ़ी तो घरवालों को इश बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डॉक्टर की सलाह पर मेमोग्राफी कराई। जिसमें कैंसर की पुष्टि हुई। कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी कराई। दो साल से मैं स्वस्थ्य हूं।


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