AKTU: कैपिसिटी डेवलपमेंट कार्यशाला का हुआ आयोजन, सिडबी के सीजीएम ने बताया स्टार्टअप का महत्व
AKTU: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में इनोवेशन हब, यूपीएलसी और सिडबी की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सिडबी के सीजीएम एसपी सिंह ने सभी को स्टार्टअप के बारे में बताया।
AKTU: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में इनोवेशन हब, यूपीएलसी और सिडबी की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सिडबी के सीजीएम एसपी सिंह ने सभी को स्टार्टअप के बारे में बताया।
फैशन में न शुरु करें स्टार्टअप
एकेटीयू में शनिवार को आयोजित कार्यशाला में सिडबी के सीजीएम एसपी सिंह ने कहा कि स्टार्टअप में फैशन से नहीं बल्कि पैशन से सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के नाम पर लोग कुछ भी स्टार्ट कर दे रहे हैं। वे बहुत जल्द ही असफल हो जाते हैं। अकसर लोग फैशन में दूसरों को देखकर कुछ भी शुरु कर देते हैं। इंक्युबेशन सेंटर के माध्यम से यह पहचानना होगा कि कौन-सा स्टार्टअप भविष्य में बेहतर कर सकता है।
इनवेस्टमेंट से पहले तैयार करें स्टार्टअप
सीजीएम एसपी सिंह ने कहा कि बिजनेस और स्टार्टअप में बड़ा फर्क है। इंक्युबेशन सिर्फ संसाधन से नहीं बल्कि स्टार्टअप इको सिस्टम बनाने से खड़ा होता है। कैपिसिटी डेवलपमेंट कार्यशाला में सीजीएम एसपी सिंह ने कहा कि सिडबी सही मायनों में स्टार्टअप करने वालों को आर्थिक सहायता दे रही है। उन्होंने सिडबी के एक हजार करोड़ के फंड के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप को इंवेस्टमेंट के पहले तैयार करना जरूरी है।
प्रदेश में अभी 62 अप्रूव्ड स्टार्टअप
कार्यशाला में यूपीएलसी के प्रवीण सिंह और अखिल राय ने इंक्युबेशन सेंटर को मिलने वाले फंड के बारे में बताया। नीतियों के स्तर पर सेंटर को फंडिंग की संभावनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सेंटर को पॉलिसी के अनुसार तैयार करें जिससे केंद्र और राज्य सरकार से अप्रूव कराया जा सके। सरकार से अप्रूव होने के बाद फंडिंग मिलना आसान हो जाएगा। एसो. डीन इनोवेशन डॉ. अनुज कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 62 अप्रूव्ड इन्क्युबेशन सेंटर हैं। जिनमें 1500 स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं। इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह, संचालन वंदना शर्मा, रितेश सक्सेना समेत 50 इन्क्युबेशन मैनेजर्स ने हिस्सा लिया।