By-election: सीएम आवास पर हुआ उप-चुनाव का मंथन, एक सीट पर तीन मंत्रियों की जिम्मेदारी, प्रभारियों को मिले ये निर्देश

UP Assembly By-election: करहल के लिए कैबिनेट मंत्री के रूप में जयवीर सिंह को तैनात किया गया है। कानपुर की सीसामऊ सीट की जिम्मेदारी सरकार में बड़े मंत्री की लिस्ट में शुमार सुरेश खन्ना की दी गई है।

Report :  Viren Singh
Update:2024-07-17 14:01 IST

UP Assembly By-election (सोशल मीडिया) 

UP Assembly By-election: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा-BJP) को परेशान कर दिया है। राज्य में योगी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार होने के बाद भी लोकसभा चुनाव में आशा के अनुरूप पार्टी प्रदर्शन नहीं कर पाई, जिससे पार्टी को करीब 30 से 35 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। भाजपा में हार की समीक्षा जारी है। इस पर कई रिपोर्टें भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय आलाकमान के पास भेज दी गई हैं। इन रिपोर्ट के आधार पर भाजपा राज्य को लेकर आगामी रणनीतियां तैयारी करेगी, ताकि पार्टी 2027 का मिशन प्राप्त कर सके, लेकिन उससे पहले होने वाले विधानसभा की 10 सीटों पर उप-चुनाव की अग्निपरीक्षा से भाजपा को गुजरना है, क्योंकि हाल ही में लखनऊ में हुई यूपी भाजपा कार्यकारिणी समिति की बैठक में जिस प्रकार से सरकार और संगठन पर बयानबाजी हुई है, उससे पता चल रहा है कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है।

5 कालिदास मार्ग पर हुई बैठक, ये लोग शामिल

हालांकि सूबे के मुखिया इन सब बातों को दरकिनार करते हुए राज्य में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप-चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है और ये सीटे कैसे भाजपा की झोली में इसके लिए मंथन का दौर शुरू हो गया है, साथ ही सीटों पर कैबिनेट मंत्रियों की जिम्मेदारी भी तय की जा रही है। 10 सीटों के उप चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने आवास पांच कालिदास मार्ग पर एक बैठक बुलाई। इस बैठक में यूपी सरकार के मंत्री और संगठन से जुड़े हुए लोग शामिल हुए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने हर एक सीट को फहत करने के लिए एक-एक सीट पर तीन मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की। बैठक में शामिल कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई और सभी की जिम्मेदारी तय की गई। इसमें एक कैबिनेट मंत्री और दो राज्यमंत्री को शामिल किया गया है।

योगी ने दिए मंत्रियों को ये निर्देश 

इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभारी क्षेत्र में चुनाव खत्म न होने तक दो दिन-रात्रि विश्राम के निर्देश दिया है। सीएम ने सभी प्रभारी मंत्रियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि हर एक ग्रुप को कार्यकर्ताओं के साथ बात करनी है और सबसे ज्यादा फोकस बूथ को मजबूत करने में करना है।

इन मंत्रियों की तय हुई जिम्मेदारी

मिली जानकारी के मुताबिक, मीरापुर सीट के लिए कैबिनेट मंत्री के रूप में अनिल कुमार और राज्यमंत्री में सोमेंद्र तोमर व केपी मलिक को जिम्मेदारी मिली है। कुंदरकी सीट पर धर्मपाल सिंह, जेपीएस राठौर, जसवंत सिंह और गुलाब देवी को तैनात किया गया है। गाजियाबाद सीट के लिए सुनील शर्मा के साथ बृजेश सिंह, कपिलदेव अग्रवाल को जिम्मेदारी की गई है। खैर (एससी) सीट पर लक्ष्मीनारायण चौधरी और संदीप सिंह को कमान सौंपी गई है।

इसी तरह, करहल के लिए कैबिनेट मंत्री के रूप में जयवीर सिंह को तैनात किया गया है, जबकि राज्यमंत्री के रूप में योगेंद्र उपाध्यायऔर अजीत पाल सिंह हैं। कानपुर की सीसामऊ सीट की जिम्मेदारी सरकार के बड़े मंत्रियों की लिस्ट में शुमार सुरेश खन्ना की दी गई है, उनका साथ देने के लिए नितिन अग्रवाल को लगाया गया है। फूलपुर सीट पर राकेश सचान और दयाशंकर सिंह को लगाया है। कटेहरी सीट पर स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद और दयाशंकर सिंह, कटेहरी सीट पर स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद व दयाशंकर सिंह और मझवां सीट पर अनिल राजभर, आशीष पटेल, रविंद्र जायसवाल और रामकेश निषाद को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मिल्कीपुर पर टिकी भाजपा की नजर

इसके अलावा अयोध्या की मिल्कीपुर (एससी) विधानसभा सीट पर सूर्यप्रताप शाही, मयंकेश्वर सिंह, गिरीश यादव और सतीश शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी हैं। पार्टी के लिए सभी सीटों पर यह काफी अहम मानी जा रही है। लोकसभा चुनाव को भाजपा फैजाबाद से हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें अयोध्या आती है, जहां पर इसी साल राम मंदिर का उद्धाटन हुआ था। लोकसभा चुनाव में फैजाबाद की पांच विधानसभा सीटों की बात करें तो इसमें भाजपा को केवल अयोध्या विधानसभा सीट से ही जीत मिली थी, बाकी सभी में हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें मिल्कीपुर विधासभा सीट भी शामिल थी। ऐसे में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने जा रहे हैं तो भाजपा यह जोखिम जरा भी मोल नहीं लेगी कि उसको मिल्कीपुर से हार का सामना करना पड़ेगा। यह चुनाव भाजपा के अयोध्या की हार के लिए एक प्रकार से संजीवनी का काम करेगा।

इसलिए होने हैं उपचुनाव

बता दें, लोकसभा चुनाव में सांसद बने 9 विधायकों की सीटों समेत सीसामऊ सीट पर उप चुनाव होना है। सपा विधायक के अयोग्य घोषित होने से सीसामऊ सीट रिक्त हुई है। इन सभी सीटों पर विधानसभा के उप चुनाव होने हैं। इस चुनाव में भाजपा-एनडीए के साथ सपा और कांग्रेस की नजरें लगी हुई हैं।

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