Lucknow: KGMU में तैयार होंगे दांतों के कस्टमाइज इंप्लांट, ओरल पैथॉलजी में 3डी प्रिंटिंग लैब शुरु

Lucknow News: ओरल पैथॉलजी हेड डॉ. शालिनी गुप्ता ने बताया कि अभी तक मरीजों को बाजार में मिलने वाले डेंटल इंप्लांट लगाए जा रहे थे। ये अलग- अलग साइज के होते हैं।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-08-28 12:15 GMT

Lucknow News: किंग जार्ज मेडिकल युनिवर्सिटी के ओरल पैथॉलजी विभाग में नई 3डी प्रिंटिंग लैब शुरु हुई है। इसमें हेप्टिक मशीन भी लगाई गई है। जिससे अब दांत के मरीजों के इंप्लांट तैयार किए जा सकेंगे। लैब में जबड़े से लेकर दांतों तक के इंप्लांट बनाए जाएंगे। बता दें कि मशीन से बने इंप्लांट दो मरीजों को लगाए भी जा चुके हैं। खास बात यह है कि यहां बनने वाले इंप्लांट की कीमत बाजार में मिलने वाले इंप्लांट के मुकाबले काफी कम है।

कस्टमाइज इंप्लांट भी तैयार किए जा सकेंगे

ओरल पैथॉलजी हेड डॉ. शालिनी गुप्ता ने बताया कि अभी तक मरीजों को बाजार में मिलने वाले डेंटल इंप्लांट लगाए जा रहे थे। ये अलग- अलग साइज के होते हैं। इस कारण कई मरीजों में इनका इस्तेमाल नहीं हो पाता है। इसके उलट 3 डी प्रिंटिंग लैव में कस्टमाइज इंप्लांट भी तैयार किए जा सकेंगे। किसी हादसे या कैंसर के मरीजों की हड्डी क्षतिग्रस्त होने पर उनके जबड़े की जरूरत के हिसाब से इंप्लांट बनाए जा सकेंगे। मरीज की सीटी स्कैन रिपोर्ट के मुताबिक इंप्लांट की नाप और डिजाइन तय किया जा सकेगा। इसके लिए अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लिया जा रहा है। पहले से तय शुल्क में ही सर्जरी कर इंप्लांट लगाए जा रहे हैं।

डिजिटल प्रिव्यू से सटीक जबड़ा बनेगा

डॉ. शालिनी ने बताया कि 3 डी प्रिंटिंग लैव से आर्टिफिशल जवड़ा बनवाना भी आसान होगा। अभी जबड़ा बनवाने के लिए पहले मुंह का नाप लिया जाता है। इसमें कई बार नाप सही न होने पर ठीक जबड़ा नहीं बनता है। लेकिन डिजिटल स्कैनर से डिजिटल प्रिव्यू बनाकर सटीक नाप का जबड़ा तैयार किया जा सकता है।

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