Lucknow News: पुनर्वास विवि में दिव्यांगता जागरूकता व परीक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

Lucknow News: डिमांस्ट्रेटर अनुप्रिया त्रिपाठी ने दिव्यांगता के शुरूआती लक्षणों और कृत्रिम अंग व प्रत्यंग की महत्ता बताई। चाल में असामान्यता, पैरों की तिरछी स्थिति और रीढ़ की हड्डी की संरचनात्मक विकृतियों के बारे में बताया।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-10-17 22:15 IST

Lucknow News: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय ने अन्तरराष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स माह के तहत कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र की ओर से फतेहगंज स्थित सुंदरलाल कमला इंटर कॉलेज में दिव्यांगता जागरूकता व परीक्षण कार्यक्रम हुआ। 

दिव्यांगता जागरूकता व परीक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ 

डिमांस्ट्रेटर अनुप्रिया त्रिपाठी ने दिव्यांगता के शुरूआती लक्षणों और कृत्रिम अंग व प्रत्यंग की महत्ता बताई। चाल में असामान्यता, पैरों की तिरछी स्थिति और रीढ़ की हड्डी की संरचनात्मक विकृतियों के बारे में बताया। टीम ने चलन दिव्यांगता, सेरेब्रल पेल्सी, पोलियो आदि की पहचान के लिए विद्यार्थियों के पैरों और रीढ़ की हड्डी का परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान लगभग 1150 विद्यार्थी उपस्थित रहे। टीम ने बताया कि एक शोध के अनुसार यह पाया गया है कि विद्यालय जाने वाले दो से तीन प्रतिशत विद्यार्थियों में दिव्यांगता के शुरूआती लक्षण दिखाई देते है। जिनकी समय पर पहचान कर उन्हें आगे होने वाले गंभीर परिणामों से बचाया जा सकता है। पैरामेडिकल एवं पुनर्वास संकाय के सहायक आचार्य गार्गी खरे, प्रबंधक कैलाश नाथ समेत कई अन्य उपस्थित रहे। 

छह विद्यार्थियों का कैंपस प्लेसमेंट हुआ 

निदेशक प्लेसमेंट बिराग दीक्षित ने बताया कि एमबीए, एमसीए, एमएससी आईटी और बीबीए के छह विद्यार्थियों का नई दिल्ली के सत्या माइक्रोकैपिटल लिमिटेड में ब्रांच एग्जीक्यूटिव पद पर तीन लाख सालाना पैकेज पर कैंपस प्लेसमेंट हुआ है। चयनितों में रेहान अहमद, अंजनेश कुमार तिवारी, नितेश शर्मा, रोहन प्रकाश, अमित कुमार गुप्ता और श्याम सुंदर पटेल का नाम शामिल है। 

मौलिक अधिकारों के बारे में बताया 

पुनर्वास विवि में विधि संकाय और बदलाव संस्था की ओर से भारतीय संविधान: मौलिक अधिकारों व मौलिक कर्तव्यों का वास्तविक जीवन में महत्व के प्रति जागरूकता पर कार्यशाला हुई। यहां बीकॉम एलएलबी ऑनर्स और एलएलएम के विद्यार्थियों को प्रश्नों और उत्तरों के जरिए जागरूक किया। छात्रों को उनके मौलिक अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी।

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