Lucknow News: लखनऊ में घरों के सामने लाशों के ढेर, लोग बोले कैसै बिताएं रात?
Lucknow News: महेश यादव नाम के एक युवक ने बताया कि जब वह पत्नी व बच्चों के साथ घऱ में रहने गए तो घर के पास तीन कब्रें देखकर डर गए।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां घरों के सामने कब्रें बनी हुई हैं। इन कब्रों के कारण परिवार परेशान हैं। दरअसल, एलडीए के गोमतीनगर स्थित कार्यालय में गुरुवार को जनता अदालत में बसंतकुंज योजना में प्रधानमंत्री आवासों को कब्रिस्तान में बनाने की शिकायत आई। यह भी बताया कि आवासों के पास अब भी कई कब्र मौजूद हैं। ये दरवाजे, खिड़की से दिखती हैं। इससे लोग यहां आवंटित फ्लैटों में रहने के लिए तैयार नहीं हैं।
पत्नी बच्चे मकान में रहने से कर रहे इनकार
महेश यादव नाम के एक युवक ने अफसरों को बताया कि एक साल पहले एलडीए ने 47/8 पॉकट-डी में फ्लैट आवंटित किया था। रजिस्ट्री के बाद इसी साल जनवरी में उसमें रहने गए तो पत्नी व बच्चे घर के पास तीन कब्र देखकर डर गए और फ्लैट में रहने से मना कर दिया। इसकी शिकायत पर अफसरों ने कब्र हटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन छह महीने क बाद भी नहीं हटाया है। इसी तरह जितेंद्र ने बताया कि जिस जगह पर प्रधानमंत्री आवास बने हैं। वहां, पहले बरी कलां गांव का कब्रिस्तान था। अफसरों ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था। सचिव विशेक श्रीवास्तव ने बताया कि जनता अदालत में कुल 33 मामले आए, इनमें से 10 का मौके पर निस्तारण किया गया है।
कब्र से निकलती है नकारात्मक ऊर्जा
बता दें कि वास्तु शात्र के अनुसार श्मशान वाली जमीन के ऊपर या उसके आसपास रहना या फिर मकान बनाना अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर है। कहा जाता है कि जिस घर के आसपास कब्रिस्तान है वह घर कभी खुशहाल नहीं रह सकता है। वास्तु शास्त्र में घर के समीप श्मशान का होना भयंकर दोष माना गया है। श्मशान से हर पल नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो किसी को भी मानसिक रूप से कमजोर बना सकती है। घर के समीप श्मशान की स्थिति घर में रहने वाले सदस्यों में डर एवं भय का संचार करती है।