Kanwar Yatra: दुकानों के आगे ‘नाम टांगने’ वाले फैसले के समर्थन में आई ऑल इंडिया मुस्लिम जमात, CM योगी को देवबंद ने दी ये नसीहत

Kanwar Yatra Controversy: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने कहा कि यह एक धार्मिक यात्रा है। पुलिस ने यह व्यवस्था इसलिए लागू की है ताकि इसमें कोई हिंदू-मुस्लिम विवाद न पैदा कर पाए।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-07-19 08:51 GMT

Name plate controversy (सोशल मीडिया) 

Kanwar Yatra Controversy: 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो रही है। लेकिन इस बार की कांवड़ यात्रा सियासतदानों के आरोप प्रत्यारोप के भेंट चढ़ी हुई है। यात्रा शुरू होने में अभी दो दिन शेष बचे हैं, लेकिन उससे पहले देश की राजनीति में कांवड़ यात्रा पर बयानबाजी की इतनी धारा बह चुकी है, जिसका हिसाब लगापना मुश्किल है। दरअसल, कांवड़ यात्रा पर राजनीतिक की भेंट तब चढी, जब मुफ्फरनगर पुलिस ने जिले के परिक्षेत्र में पड़नी वाली सभी खाने-पीने दुकानों, ठेलें, ढ़ाबों और होटलों और इत्यादि दुकानों के दुकानदारों को अपने नाम का बोर्ड टांगने का निर्देश मिला। इस निर्देश का असर भी दिखना शुरू हो गया, लेकिन जैसे ही कुछ विशेष वर्ग के दुकानदार के लोग नाम का बोर्ड टांगते हुए दिखाई दिए तो इस पर राजनीतिक शुरू हो गई है।

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हालांकि राजनीतिक बयानबाजी के बीच भी सूबे की योगी सरकार इस फैसले अडिग है। योगी के इस फैसला का ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने समर्थन किया है, जबकि देवबंद ने इस फैसले पर सरकार को पुन: विचार के लिए करने को कहा है।

सरकार के समर्थन में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के मार्ग पर ढाबा संचालकों, फल विक्रेताओं और अन्य स्टॉल मालिकों के लिए सहारनपुर पुलिस द्वारा जारी की गई एडवाइजरी पर राजनीति करना गलत है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस की एडवाइजरी कानून व्यवस्था के लिए है। यह एक धार्मिक यात्रा है। पुलिस ने यह व्यवस्था इसलिए लागू की है ताकि इसमें कोई हिंदू-मुस्लिम विवाद न पैदा कर पाए।

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फैसले फसाद करने को मिलेगा बल, बोला देवबंद

सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों को अपने दुकान के आगे नाम का बोर्ड लगाने की फैसले पर देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा है कि यह फैसला दोनों के बीच दूरियां पैदा करेगा। इससे फिरका परस्त लोगों को मौका मिलेगा कि वह दुकानों में हिंदू-मुस्लिम कर सकें, जिससे फसाद करने में आसानी होगी। उन्होंने सीएम योगी से अपील की है कि इस फैसले पर एक बार फिर से गौर कि जाए। कावड़ यात्रा के दौरान मुस्लिम कावड़ियों के लिए कैम्प लगते हैं। इन कैम्पों से खाने-पीने की व्यवस्था की जाती है। मुस्लिम समुदाय कावड़ियों पर पुष्पा वर्षा भी करते हैं। ऐसे में इस फैसले आपस में दूरियां पैदा होंगी।

सीएम योगी का भी आया आदेश

मुजफ्फरनगर नगर पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान पड़ने वाले रूट पर सभी दुकानदारों को दुकान के आगे नेमप्लेट लगाने के फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी मुहर लगा दी है। शुक्रवार मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ' नेमप्लेट' लगानी होगी और दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान होगा लिखना। यह फैसला कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए लिया गया है और हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी कार्रवाई होगी।

कांवड़ यात्रा के लिए मुजफ्फरनगर सबसे अहम

कांवड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर एक महत्वपूर्ण जिला है। यह यात्रा का करीब 240 किलोमीटर रूट को कवर करता है। कावड़िए इस जिले होते हुए हरिद्वार की हर की पौड़ी से जल भर कर वापस इसी रास्ते से होते हुए अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते हैं। इसको देखते हुए मुजफ्फरनगर पुलिस ने रूट पर पड़ने वाली सभी दुकानदारों को अपनी दुकान के आगे नाम का बोर्ड लगाने की आदेश दिया था। इसके बाद सहारनपुर मंडल के डीआईजी ने इस आदेश को अमल में लाते हुए मुजफ्फरनगर के साथ इसमें शामली और सहारनपुर जिलों को भी जोड़ दिया है। इन दोनों जिलों के दुकानदारों को भी अपनी दुकान के आगे नेमप्लेट लगाने का निर्देश दिया गया है।

कंफ्यूजन से बचने के लिए उठाया कदम

पश्चिमी यूपी के पुलिस अधिकारी के मुताबिक कांवड़ यात्रा के दौरान सभी भोजनालयों और खान-पान का सामान बेचने वाली दुकानों और ठेले वालों के निर्देश दिया गया है कि अपने यहां काम करने वाले या अपने मालिक का नाम बोर्ड पर जरूर लिखें, ताकि कोई कांवड़िए कंफ्यूजन में न रहें कि वह खाने पीने की चीजें कहां से खरीद रहे हैं और बाद में कोई विवाद न उत्पन्न हो।

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